घाटीगांव एसडीओपी की मुहिम के चलते मानसिक विकलांग के उपचार के लिए आगे आईं सीएम की पत्नी साधना सिंह, इलाज के निर्देश मिलने पर विकलांग को अस्पताल में एसडीओपी ने कराया भर्ती

ग्वालियर,,,,,, सोशल मिडिया पर सुर्ख़ियों में रहने वाले डीएसपी संतोष पटेल की मुहीम एक बार फिर रंग लाती नजर आ रही है.बीते रोज डीएसपी ने एक वीडियो सोशल मिडिया पर साझा किया था जिसमें उन्होंने देखने व सुनने की बीमारी से पीड़ित एक सहरिया आदिवासी की मदद के लिए लोगों से आग्रह किया था.इसी के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह सामने आई हैं और उन्होंने डीएसपी से सम्पर्क कर बीमार का इलाज कराने के लिए निर्देशित किया हैजिसके बाद बीमार आदिवासी को डीएसपी ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है.
गौरतलब है कि घाटीगांव एसडीओपी संतोष पटेल डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी हैं.उन्होने सोमवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि जब वे घाटीगांव थाना क्षेत्र स्थित नया गाँव में एक मामले की विवेचना के लिए पहुंचे थे तो यहां उन्हें एक पेड़ के नीचे बैठा युवक मिला जो पानी मांगने के लिए चिल्ला रहा थासंतोष पटेल के अनुसार युवक का नाम इन्दर सिंह पुत्र अतर सिंह सहरिया आदिवासी हाल निवास क्रेशर कॉलोनी है.जब संतोष पटेल ने इन्दर से बात की तो पता चला कि वह काम करने बाहर गया था जहां अज्ञात हादसे में उसकी देखने सुनने की शक्ति छिन गई. और रातोरात मालिक लोग उसे गाँव छोड़ गए.इन्दर गरीब है और इलाज करवाने में असमर्थ है. इसके बाद एसडीओपी संतोष पटेल ने एक वीडियो सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया और चिकित्सकों और अन्य लोगों से इन्दर की मदद करने का आग्रह किया.इसी के चलते मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी श्रीमती साधना सिंह के संज्ञान में आया है और उन्होंने डीएसपी और ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक ड़ॉ आर के एस धाकड़ से सम्पर्क कर बीमार इन्दर का इलाज करने के लिए निर्देशित किया है.मदद के लिए मुख्यमंत्री की पत्नी के सामने आने के बाद एसडीओपी संतोष पटेल ने खुद अपने सरकारी वाहन से बीमार इन्दर आदिवासी को अस्पताल में भर्ती कराया है.इस दौरान इन्दर आदिवासी के माता – पिता भी उसके साथ ग्वालियर पहुंचे हैं. इतना ही नहीं इन्दर के पास आयुष्मान कार्ड नहीं था, सो एसडीओपी ने इन्दर का आयुष्मान कार्ड भी बनवा दिया है.हालांकी अतर सिंह बेटे को इलाज मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे क्योकि उन्होंने जब प्राइवेट हॉस्पिटल में सम्पर्क कर पता किया था तो इन्दर के इलाज का खर्च लगभग दो लाख रूपये बताया गया था. जो उनके बजट से बाहर था लेकिन अब जब बेटे को इलाज मिलने की उम्मीद जाएगी है तो इन्दर के माता और पिता दोनों ही भावुक हो गए. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दम्पत्ति का आभार व्यक्त किया है.