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डा. गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग से की मुख्य सचिव बैंस की सेवावृद्धि निरस्त करने की मांग

डा. गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग से की मुख्य सचिव बैंस की सेवावृद्धि निरस्त करने की मांग

भोपाल । मध्‍य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग से मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को दूसरी बार 30 नवंबर 2023 तक छह माह की सेवावृद्धि देने के निर्णय को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में इस सेवावृद्धि को सरकार का चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास बताया।

 

डा. सिंह ने बताया है कि बैंस नवंबर 2022 में सेवानिवृत्त हो रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह माह की सेवावृद्धि दिला दी। जबकि, प्रदेश में इस पद के लिए कई योग्य अधिकारी हैं। ऐसी कोई विशेष परिस्थिति भी नहीं थी कि यह सेवावृद्धि अनिवार्य थी। 31 मई 2023 को यह अवधि समाप्त हो रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर 30 नवंबर 2023 तक उन्हें सेवावृद्धि दी गई है।

 

 

 

 

इसके पीछे मंशा नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की नजर आती है। कलेक्टर, जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी होते है, की गोपनीय चरित्रावली लिखने का अधिकार मुख्य सचिव के पास रहता है। निर्वाचन आयोग के स्थायी निर्देश हैं कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा कोई भी अधिकारी तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए एक स्थान पर पदस्थ नहीं रहा नहीं हो सकता।

मुख्य सचिव को तीन वर्ष से अधिक हो चुके हैं और वे प्रशासनिक मुखिया होने के नाते निर्वाचन कार्य से संबद्ध रहते हैं। उनकी सेवावृद्धि की अवधि विधानसभा चुनाव की मुख्य अवधि होगी, इसलिए आदेश को निरस्त कर अन्य अधिकारी को नियुक्त किया जाए ताकि चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हो सकें।

 

 

 

 

उधर, सामान्य प्रशासन विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव एमके वार्ष्णेय का कहना है कि अभी चुनाव आयोग इस मामले में कुछ नहीं कर सकता है। यह विषय शासन के अधिकार क्षेत्र में आता है।
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