स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने प्रशासन कर रहा न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, पीआईएल लगाने वाले सोशल एक्टिविस्ट ने लगाया आरोप

ग्वालियर.
,,,,,,, स्वर्णरेखा नदी बचाओ आंदोलन चला रहे सोशल एक्टिविस्ट विश्वजीत रतोंनिया ने आज एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर जिला प्रशासन नगर निगम और जल संसाधन विभाग पर आरोप लगाया है कि तीनों ही विभागों द्वारा स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए विश्वजीत द्वारा माननीय न्यायालय में पीआईएल लगाई गई थी जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए थे स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन नगर निगम और जल संसाधन विभाग शहर के प्रबुद्ध लोगों से चर्चा करें और एक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए लेकिन जिला प्रशासन ने हाल ही में गुपचुप तरीके से बैठक भी आयोजित कर ली गत दिनों जब केंद्रीय जल संसाधन विभाग की टीम स्वर्ण रेखा नदी का निरीक्षण करने आए तब भी ना तो प्रबुद्ध जनों को सुझाव देने के लिए बुलाया गया और ना ही इस मामले को लेकर पीआईएल लगाने वाले अधिवक्ताओं को सुझाव के लिए आमंत्रित किया गया जो कि माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है अधिवक्ता विश्वजीत ने मांग की है कि स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशासन शहर के प्रबुद्ध जनों को बैठक में बुलाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और जल्द से जल्द स्वर्णरेखा नदी का पुनरुद्धार किया जाए उन्होंने बताया कि स्वर्णरेखा नदी के पक्की करण के बाद एक और जहां स्वर्णरेखा नदी नाले में तब्दील हो चुकी है और दूसरी ओर शहर का वाटर लेवल भी डाउन हुआ है इसलिए स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है.