नर्सिंग कॉलेज मामला:सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेजों की अंतरिम रिपोर्ट देख सख्त हुआ हाईकोर्ट बोला सभी कॉलेजों की जांच कर 27 जुलाई को सौंपे रिपोर्ट

ग्वालियर। मध्य उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के आदेश पर शुरू हुई सीबीआई ने अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। इस रिपोर्ट में सीबीआई ने सरकार, मेडिकल एजुकेशन और नर्सिंग काउंसिल की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया पर गम्भीर सवाल खड़े दिए हैं। सीबीआई की अंतरिम रिपोर्ट में माना गया कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने सीबीआई की अंतरिम रिपोर्ट पढऩे के बाद नाखुशी जाहिर करते हुए सीबीआई को प्रदेश के समस्त 364 कॉलेजों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को आदेशित किया। । कोर्ट ने राज्य सरकार, जिला कलेक्टर और एसपी को सीबीआई को जांच में पूर्ण सहयोग करने के आदेश दिए हैं। अब सीबीआई को 27 जुलाई को अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करना है।
उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालिय नर्सिंग कॉलेजों खको लेकर चल रही एक जनहित याचिका में युगलपीठ ने सीबीआई को प्रदेश के 364 कॉलेजों में से अपनी इच्छा से कुछ कॉलेजों की जांच कर निर्धारित बिंदुओं में अंतरिम रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। सीबीआई के डीएसपी दीपक पुरोहित ने न्यायालय में बंद लिफाफे में अंतरित रिपोर्ट पेश की, जिसे पढऩे के बाद न्यायालय ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि पिछली तारीख पर महाधिवक्ता प्रशांत सिंह तो दावा कर रहे थे कि प्रदेश के सभी कॉलेज मानक पूरा करते हैं परन्तु सीबीआई की अंतरिम रिपोर्ट तो उनके दावों के पूरी तरह उलट है। इसलिए अब जरूरी हो गया है कि सीबीआई पूरे प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की निष्पक्षता के साथ विस्तृत जांच कर रिपोर्ट पेश करे।
50 फीसदी कॉलेज नहीं करते मानक पूरा
न्यायालय में जस्टिस रोहित आर्या ने सीबीआई की रिपोर्ट को डायस से पढ़कर सुनाया। रिपोर्ट के अनुसार 50 फीसदी सरकारी कॉलेज नर्सिंग कॉलेज निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं। वहीं, न्यायालय द्वारा प्रस्तावित बिंदुओं के अनुसार 10 वर्ष से पुराने 33 फीसदी कॉलेज की मानकों के अनुरूप चल रहे हैं। 10 वर्ष से कम और 5 वर्ष से अधिक समय से संचालित 67 फीसदी कॉलेज तथा 5 वर्ष से कम अवधि से संचालित 44 फीसदी कॉलेज की मानकों को पूरा करते हैं।
न पर्याप्त भवन और न लाइब्रेरी
जस्टिस ने सीबीआई की रिपोर्ट पढ़कर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहाकि नर्सिंग कॉलेज के लिए न्यूनतम 18000 वर्गफीट स्थान आवश्यक है, लेकिन भोपाल का सविता इंस्टीट्यूट महज 1820 वर्गफीट में चल रहा है। लाइब्रेरी के नाम पर उसके पास सिर्फ 20 किताबें हैं। अन्य आवश्यक संसाधनों और अधोसंरचना भी नहीं है। वहीं, नवोदय नर्सिंग कॉलेज भोपाल तो दिए हुए पते पर सीबीआई टीम को मिला ही नहीं।
ट्रेनिग का ब्यौरा ही उपलब्ध नहीं
सीबीआई ने न्यायालय को रिपोर्ट में सूचित किया कि कॉलेज संचालकों के पास प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने वाले विद्यार्थियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। जिन अस्पतालों में प्रशिक्षण के लिए भेजने का दावा किया जा रहा है उनके पास भी कोई जानकारी मौजूद नहीं है। इस तथ्य पर न्यायालय ने सीबीआई से कॉलेज संचालकों से नोटरी पर शपथ पत्र लेने को कहा है कि उनके यहां प्रशिक्षण दिए जाने वाले छात्रों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।