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कूनो अभ्यारण्य में तीसरे चीते की मौत , आपसी हिंसक संघर्ष में मारी गई मादा चीता दक्षा

कूनो अभ्यारण्य में तीसरे चीते की मौत , आपसी हिंसक संघर्ष में मारी गई मादा चीता दक्षा

कूनो अभ्यारण्य में तीसरे चीते की मौत , आपसी हिंसक संघर्ष में मारी गई मादा चीता दक्षा के मरने की पुष्टि
GWALIOR. कूनो नेशनल पार्क से आज एक और बड़ी और बुरी खबर आ रही है। दो अफ्रीकी चीतों के बीच आज हुए खूनी संघर्ष में एक चीते की मौत की खबर आ रही है । यह तीसरे चीते की मौत है।
बताया गया है की श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क के अंदर दक्षिण अफ्रीका की मादा चीता धीरा की एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी चीते के साथ सुबह खूनी संघर्ष ही गया । जिसमें धीरा नामक मादा गम्भीर रूप से घयकल हुई बाद में उंसकी   मौत हो गई। चीता परियोजना की शुरुआत के बाद से यह तीसरी मौत है। हालांकि अभी तक नेशनल पार्क सूत्रों ने इसकी औपचारिक पुष्टि नही की है।
मध्य  प्रदेश के कूनो अभ्यारण में नामीबिया से लाकर बसाए गए चीतों में से  एक महीने में हुई  3 चीतो की मौत के बाद  सरकार और वन विभाग में हड़कंप मच गया है। दूसरे चीते की मौत की वजह न मिलने ने चिंता और परेशानी और बढ़ा दी है जिसके चलते  अब कूनो अभ्यारण के चीतों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विकल्प पर भी विचार शुरू हो गया था।इसी को लेकर कल 25 अप्रेल को  ग्वालियर में वन विभाग के बड़े अधिकारियों की  एक बड़ी किंतु अनौपचारिक बैठक हुई थी। इस बैठक में चीतो की मौत और शिफ्टिंग को लेकर रणनीति बनाने समेत विकल्पों पर चर्चा हुई थी ।हालांकि मीडिया को इस पूरी कवायद से दूर रखा गया लेकिन बताया गया कि  इस बैठक में भोपाल सीआई वन्य जीव प्राणी विशेषज्ञ और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे थे।
डेढ़  माह में दो चीतों की हुई मौत
बीते डेढ़  माह में दो नामीबियाई चीतों की मौत ने सरकार और वन्य प्राणी विशेषज्ञ लोगो को चिंता में डाल दिया है। पहले चीते की मौत की वजह तो उनकी किडनी में हुए संक्रमण को माना गया । इसके चलते इसे असमान्य नही माना गया लेकिन महज एक माह के भीतर ही तीन दिन पहले साउथ अफ्रीकन चीता उदय की अचानक मौत हो जाने से खलबली मच गई थी । यह मौत रहस्यमय भी है  क्योंकि कैमरे के फुटेज से साफ पता चलता है कि मौत के कुछ देर पहले तक उदय एकदम स्वस्थ्य और प्रसन्नचित्त दिख रहा था । हालांकि बताया जा रहा है कि इस चीता की मौत कार्डियक अटैक से हुई है जिसका सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उंसके किडनी रोग के शिकार होने के भी लक्षण  मिले थे । अब यह तीसरी मौत की वजह हिंसक भिड़ंत होने से और भी ज्यादा चिंता बढ़ गई है।
कम जगह से भी हो सकती है दिक्कत
हालांकि सरकार की तरफ से औपचारिक तौर पर कुछ नही कहा जा रहा लेकिन सूत्रों की माने तो कूनो की आबोहवा चीतों को रास नही आ रहा है साथ ही उन्हें जितनी जगह चाहिए फिलहाल उन्हें नही मिल पा रही है इसके लिए उन्हें कही और शिफ्ट करने के विकल्प की तलाश करनी चाहिए ताकि वहां भी उनके लिए वांछित हैबीटेट तैयार किया जा सके।
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