हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजे शिवालय रात 12:00 बजे से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़, अचलेश्वर, गुप्तेश्वर, कोटेश्वर, गिरगांव महादेव मंदिर पर भक्तों की लगी कतार

ग्वालियर. शिवरात्रि महापर्व पर आज शहर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है और हर हर महादेव के जयकारों से मंदिर गुंजायमान हो उठे शहर के अचलेश्वर महादेव गुप्तेश्वर महादेव कोटेश्वर महादेव गिरगांव महादेव मारकंडेश्वर महादेव सहित सभी बड़े शिव मंदिरों पर मेले जैसा माहौल है और देर रात 12:00 बजे के बाद मंदिर के पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं का मंदिर के बाहर हुजूम देखने को मिल रहा है ऐसे में पुलिस ने और मंदिर प्रबंधन समितियों द्वारा विशेष इंतजाम भी किए गए हैं.
महाशिवरात्रि के अवसर पर आज रात 12 बजे से ही शहर में स्थित मंदिरों पर शिवभक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है। शहर के बड़े शिवालय अचलेश्वर महादेव, कोटेश्वर व गुप्तेश्वर महादेव के पट रात 12 बजे भी खोल दिए गए हैं। सबसे पहले काबड़ भरकर आने वालों ने भगवान शंकर का अभिषेक किया है। उसके बाद आम भक्तों के लिए खोल दिया गया है। अचलनाथ महादेव पर रात से ही लंबी लाइने लगना शुरू हो गई हैं। यह शहर का प्रसिद्ध मंदिर है। शिवरात्रि के मौके पर अचलनाथ पर डेढ़ से दो लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है। जिस कारण मंदिर के आसपास कोई भी प्रसादि काउंटर व अन्य स्टॉल नहीं लगाने दिए गए हैं। साथ ही अचलेश्वर, कोटेश्वर, गुप्तेश्वर मंदिर के पास शनिवार सुबह भीड़ बढ़ने पर ट्रैफिक में भी बदलाव किया गया है ।
अचलेश्वर महादेव मंदिर मार्ग पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद
महाशिवरात्रि पर अचलेश्वर महादेव की व्यवस्थाएं जिला प्रशासन के हाथ में हैं। अनुमान है कि 24 घंटे में डेढ़ लाख से अधिक भक्त भगवान अचलनाथ का जलाभिषेक व दर्शन करने के लिये पहुंचेंगे। यहां देर रात 12 बजे से ही अचलनाथ पर भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई नए फैसले लिये हैं। जैसे-इस बार प्रसाद, फल-फूल की दुकानें मंदिर के आसपास नहीं लगी। प्रसाद वितरण के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा लगाए जाने वाले स्टॉल चैंबर ऑफ कॉमर्स और दूसरी तरफ बीएसएनल गेट के बाहर लगे हैं। अचलेश्वर रोड पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद है।
कोटेश्वर महादेव पर महिला पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनें
-शहर के दूसरे प्रमुख शिव मंदिर कोटेश्वर महादेव पर महाशिवरात्रि के मौके पर रात से ही भीड़ लगना शुरू हो गई थी। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि मुगल शासक ओरंगजेब के शासनकाल में किले से महादेव की पिंडी नीचे फेंकी गई थी जो तलहटी के पास जमीन पर आकर गिरी। पर भगवान शिव के सत्य के चलते पिंडी जरा भी खंडित नहीं हुई। उसके बाद वहां उस शिवलिंग को स्थापित कर कोटेश्वर महादेव नाम दिया गया। अब वो पूरा इलाका कोटेश्वर के नाम से ही चर्चित है। शुक्रवार-शनिवार रात 12 बजे से ही भीड़ लगना शुरू हो गई है। दिन भर में 75 हजार से एक लाख भक्त यहां पहुंचने की संभावना है। सिंधिया ट्रस्ट द्वारा संचालित मंदिर में गर्भगृह की विशेष साज-सज्जा भी की गई है शिवरात्रि पर्व पर भीड़ को देखते हुए मंदिर में महिला व पुरुष भक्तों के लिए अलग-अलग लाइन की व्यवस्था की गई है.
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से निकलेगी शिव बारात
– गुप्तेश्वर मंदिर पर भी आज महाशिवरात्रि महापर्व पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है देर रात 12 बजे का अभिषेक के बाद आरती की गई। रात 12 बजे से मंदिर के पट खोल दिए गए थे। इसके साथ ही शनिवार दोपहर में गाजे-बाजे के साथ शिव बरात मंदिर प्रांगण से शुरू होगी। बरात में गुप्तेश्वर की पालकी के अलावा झांकियां होंगी। बरात मंदिर से प्रारंभ होकर गोल पहाड़िया, लक्ष्मीगंज, हनुमान चौराहा, जनकगंड तिराहा, मोर बाजार, बाड़ा, सराफा बाजार, गश्त का ताजिया, राम मंदिर, ऊंट पुल व जयेंद्रगंज चौराहे से होकर अचलनाथ मंदिर पहुंचेगी। यहां बारात का स्वागत होगा और शिव विवाह होता है। गुप्तेश्वर महादेव के साथ ही शहर से 15 किलोमीटर दूर गिरगांव में महादेव पर शिवरात्रि के अवसर पर मेला लगा हुआ है तो वही ग्वालियर शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर भितरवार सर्कल में धूमेश्वर महादेव का प्रचीन मंदिर पर भी आसपास के शहरों से काफी संख्या में शिव भक्त महाशिवरात्रि के मौके पर दर्शन करने पहुंचे यहां शिव भगवान के दर्शन के साथ ही नदियों के संगम होने पर पिकनिक जैसा माहौल भी मिल रहा है।