एनएचएम भर्ती पर्चा लीक कांड:मुंबई की एमईएल कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ करने आज रवाना होगी टीम, जयपुर के कोचिंग संचालक को भी दिया था पर्चा बेचने का झांसा

ग्वालियर
ग्वालियर. एनएचएम भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कांड के तार मुंबई की एमईएल कंपनी से जुड़ रहे हैं। वजह, जिस फार्मेट में स्ट्रैटेजिक एलाइंस मैनेजमेंट प्रा.लि. की ओर से एमईएल कंपनी को पेपर उपलब्ध करवाया गया था, उस फार्मेट में पेपर लीक नहीं हुआ है। पेपर उस फार्मेट में लीक हुआ है, जिस फार्मेट में तब्दील कर एमईएल कंपनी पेपर सिस्टम में अपलोड करती है। क्राइम ब्रांच की एक टीम आज मुंबई के लिए रवाना होगी, जो एमईएल के दफ्तर में भी पड़ताल करेगी। भोपाल में भी इस कंपनी के अधिकारी हैं, इनसे पूछताछ के लिए एक टीम भोपाल पहुंच गई है।
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित कृष्णा होटल से ग्वालियर पुलिस ने सात फरवरी को आठ आरोपितों को पकड़ा था। इनके पास से एनएचएम की संविदा स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा का दूसरी पाली का पर्चा मिला था। यह लोग 26 परीक्षार्थियों को पर्चा हल करवा रहे थे। प्रत्येक छात्र से ढाई से तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, लेकिन भुगतान उत्तीर्ण होने के बाद ही होना था। इन छात्रों के मूल दस्तावेज आरोपितों ने जब्त कर लिए थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले पुष्कर पांडे और राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा इस गैंग के मुखिया हैं। पुष्कर और उसकी गैंग जयपुर के महिपाल सिंह के संपर्क में थी। उसे पूछताछ के लिए ग्वालियर बुलाया तो उसने बताया कि वह जयपुर में सीएचओ के अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी करवाता है। पुष्कर उसके पास पर्चा बेचने के लिए आया था।
कोचिंग संचालक को ₹2 लाख में पर्चा बेचने का दिया था झांसा
नर्सिंग भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक के सरगना पुष्कर पांडे ने जयपुर के कोचिंग संचालक को भी दो लाख रुपये में पर्चा बेचने का झांसा दिया था। कोचिंग संचालक को उसने कहा था कि अगर एनएचएम की भर्ती परीक्षा कोई छात्र दे रहा है तो वह दो लाख रुपये में पर्चा उपलब्ध करवा देगा, भुगतान परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद लेगा। कोचिंग संचालक को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए ग्वालियर बुलाया था। वहीं सरगना के गुर्गे के खाते 41 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं।
भोपाल की कंसल्टेंसी एजेंसी संचालक को पुलिस ने आरोपी बनाया
एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि कोचिंग संचालक का कोई कनेक्शन नहीं निकला है, इसलिए उसे छोड़ दिया है। उसके पास पुष्कर को प्रेमकुमार खीची ने भेजा था। प्रेमकुमार खीची उसका परिचित है, लेकिन उसने पर्चा लेने से इंकार कर दिया था। भोपाल में सिनेरियो स्टाकिंग सर्विसेज कंपनी नाम से कंसल्टेंसी एजेंसी चलाने वाले अमित गहरवार को पुलिस ने आरोपित बनाया है। उसे एफआइआर में नामजद कर लिया है। उसके खाते में डेढ़ करोड़ रुपये हैं, इसमें से 41 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन तो सरगना पुष्कर के खास गुर्गे धनंजय पांडे के खाते से हुए हैं। इसके अलावा पुष्कर ने भी सीधा पैसा उसके खाते में दिया है। एएसपी ने बताया कि अमित गहरवार ने बताया कि डेढ़ साल में सवा करोड़ रुपये पुष्कर की ओर से आए हैं, बाकी पैसा उसका ही है। पुष्कर से उसकी मुलाकात चाय की दुकान पर हुई थी। उसने बताया था कि वह प्रापर्टी डीलिंग और बड़े कालेज में कमीशन पर प्रवेश दिलाता है। उसे एक खाते की जरूरत है, इसमें वह रुपये मंगवाएगा। इसके एवज में दो प्रतिशत कमीशन उसे मिलता था।
क्राइम ब्रांच की छह अलग-अलग टीमें कर रही जांच पड़ताल
एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया का कहना है कि इस मामले में क्राइम ब्रांच की आधा दर्जन टीमें अलग-अलग स्थानों पर जांच पड़ताल कर रही हैं जिससे इस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले आरोपियों की कड़ी से कड़ी जोड़कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके.