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कोचीन से देशभर की यात्रा पर निकली डॉ मित्रा

कोचीन से देशभर की यात्रा पर निकली डॉ मित्रा

कोचीन से देशभर की यात्रा पर निकली डॉ मित्रा सतीश ने कहा–देश के युवाओं को वीर सपूतों की कहानी सुनाने निकली हूँ

देश को आजाद कराने में कई लोगों की भूमिका रही है, लेकिन जिनके बारे में हम किसी माधयम से सुन या पढ़ते हैं, केवल उनके ही नाम हमें पता है। देश को आज़ाद कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले और भी नायक थे,लेकिन वे पर्दे के पीछे रहे इसलिए अधिकतर लोग उनके बारे में नही जान सके। आज के युवाओं को उनके बारे में जानना व समझना भी जरूरी है। मैं युवाओं को उन्ही वीर सपूतों की कहानी सुनाने निकली हु। मैंने अपनी इस यात्रा को ‘ओरु आज़ादी ड्राइव’ नाम दिया है।

यह बात कोचीन के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से आई डॉ मित्रा सतीश ने कही। वह जीवाजी विश्वविद्यालय के पर्यटन संस्थान की ओर से हुए व्याख्यान में बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने अपने अपने अनुभव भी छात्र- छात्राओं से शेयर किए।
इस अवसर पर विभाग की ओर से इस अवसर पर विभाग की ओर से डॉ पीके जैन, डॉ सीबी सिंह, डॉ अंकित अग्रवाल, डॉ मोनिका सक्सेना, नेहा शर्मा, वंदना शुक्ला, क्षिप्रा सिंह, दिव्या तलरेजा, शुभांगी सक्सेना और सहित कई छात्र छात्राएं मौजूद रहे। सहित कई छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

पुस्तक में पढ़ने को मिलेंगे इतिहास के अनछुए पहलू
डॉ मित्रा सतीश कोचीन से पूरे देश की यात्रा पर निकली हैं। वह इस यात्रा क्रम में उनका दस साल का बेटा नारायण भी उनके साथ है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से की जा रही इस यात्रा में डॉ मित्रा सतीश, देश की पुरातात्विक विरासतों के साथ उन जगहों पर जाती हैं, जहां देश की आज़ादी के लिए जान देने वाले वीर शहीदों के स्थल बने हैं, लेकिन उन स्थलों और आज़ादी के उन दीवानों के बारे में अधिकतर लोग खासकर युवा नहीं जानते। उन्होंने बताया कि वह इस यात्रा से सम्बंधित एक पुस्तक भी लिख रही हैं, जो जल्द प्रकाशित होगी। यह पुस्तक में इतिहास के अनछुए पहलू पढ़ने को मिलेंगे।

इन स्थलों के बारे में जानना जरूरी
डॉ मित्रा सतीश ने कहा कि ग्वालियर में गंगादास की शाला के बारे में अधिकतर युवा नही जानते। उस दौरान कई संतो ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ अंग्रेजों से युद्ध लड़ा और बलिदान हुए। उन्ही संतो की समाधियां इस शाला में स्थित हैं। इसी तरह मुरैना के बटेसर जैसे स्थानों से कई लोग आज भी अपरिचित हैं। यदि इतिहास को ढंग से जानना है तो इन स्थलों के बारे में भी जानना होगा।

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