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महात्मा ज्योतिबा फुले स्त्री शिक्षा के जनक थे -शेजवलकर

महात्मा ज्योतिबा फुले स्त्री शिक्षा के जनक थे -शेजवलकर

महात्मा ज्योतिबा फुले स्त्री शिक्षा के जनक थे -शेजवलकर । महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाई-शेजवलकर
ग्वालियर । महात्मा ज्योतिबा फुले 19 वीं शताब्दी के महान समाज सुधाकर थे उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया तथा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए तमाम विद्यालय खोले तथा स्त्री शिक्षा के जनक थे। महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। समाज के वंचित एवं दलित वर्ग के उत्थान के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। और इसकी अशिक्षित समाज कुरीतियों एवं असमानता की जड़ है, इसलिए उन्होंने समाज को शिक्षित करने का काम अपने हाथ में लिया। उक्त उद्गार ग्वालियर के लोकप्रिय सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने भाजपा ग्वालियर महानगर के तत्वावधान में सामाजिक न्याय पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत आज महात्मा ज्योतिबा फुले जी की 195 वी जयंती पर गोल पहाड़िया तिराहा स्थित महात्मा फुले की प्रतिमा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य आसंदी से व्यक्त किए।
इस अवसर पर मंच पर भाजपा के प्रदेश मंत्री मदन सिंह कुशवाह, जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, जिला महामंत्रीगण राजू सेंगर, विनोद शर्मा, हरीश मेवाफरोश, पूर्व सभापति राकेश माहौर, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, मंडल अध्यक्ष सतीश साहू, पप्पू बडौरी उपस्थित थे।
सांसद श्री विवेक शेजवलकर ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने दलित बालिकाओं को शिक्षा मिले इस हेतु उन्होंने स्त्री शिक्षा का अभियान चलाया। महत्मा फुले सामाजिक न्याय के पक्षधर थे। महात्मा ज्योतिबा फुले ने शिक्षा से नारी सशक्तिकरण का मंत्र देकर समाज में महिलाओं को न सिर्फ सम्मान व समानता का अधिकार दिलाया, बल्कि कुरीतियों के विरुद्ध वंचित व पिछड़े वर्गों को संगठित कर एक प्रगतिशील समृद्ध समाज की रचना भी की। उन्होंने समाज में व्याप्त असमानता एवं समाज की बुराई दूर करने के लिए जन जागरण अभियान भी चलाया।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष श्री कमल माखीजानी ने कहा कि भारत देवभूमि है, जहां अनेकों संत महात्माओं ने जन्म लेकर भारत का नाम विश्व में अग्रणी पंक्ति में स्थापित किया। महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा था कि जब तक हम शिक्षित नहीं हांेगे तब तक राष्ट्र का कल्याण एवं विकास नहीं हो सकता। इसलिए उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ किया। उनकी पहली छात्र सावित्री बाई फुले थीं, जिन्होंने नारी सशक्तिकरण की दिशा में कार्य किया। उन्होंने 1873 में सत्यशोधक नामक संगठन बनाकर वंचितों और पीड़ितों को शिक्षा का अधिकार दिलाया। 19वीं सदी में उन्होंने शिक्षा, विधवा-विवाह, पुनर्विवाह, बालिका शिक्षा के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार ने कमजोर तथा पिछड़े तबके के जीवन में नई दिशा देने के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाये संचालित की है।
कार्यक्रम को प्रदेश मंत्री श्री मदन कुशवाह ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन पुरूशोत्तम बनोरिया ने किया।
प्रारंभ में सभी अतिथियों ने महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर सुधीर गुप्ता, कनवर किशोर मंगलानी, नवीन पराण्डे, मुरारीलाल मित्तल, प्रशांत पटेरिया, शीला दीक्षित, राजेंद्र सिंह कुशवाह, रश्मिी पाराशर, जवाहर प्रजापति, सतीश कौरव, संतोश गोडयाले, आकाश बघेल, कुलदीप निधार, बालचंद्र प्रजापति, अनूप उदैनिया, योगेश मिश्रा सहित अनेकों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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