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ग्वालियर में जन्मी पुणे निवासी समीक्षा तैलंग को मिलेगा प्रतिष्ठित सोपान व्यंग्य सम्मान

ग्वालियर में जन्मी पुणे निवासी समीक्षा तैलंग को मिलेगा प्रतिष्ठित सोपान व्यंग्य सम्मान

दिल्ली (इंडिया शाम तक) व्यंग्य क्षेत्र के शीर्ष सम्मान की घोषणा कर दी गई है। व्यंग्य यात्रा रवींद्र त्यागी स्मृति सम्मान के तहत शीर्ष सम्मान डॉ ज्ञान चतुर्वेदी और सोपान सम्मान ग्वालियर में जन्मी पुणे निवासी समीक्षा तैलंग को देने की घोषणा हुई।

रवींद्रनाथ त्यागी शीर्ष सम्मान से सम्मानित श्रीमती सूर्यबाला की अध्यक्षता में 3 अप्रैल, 2022 को ‘व्यंग्य यात्रा’ कार्यालय में रवीन्द्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान निर्णायक-समिति की बैठक हुई। बैठक में निर्णायक समिति के श्रीमती #सूर्यबाला ऑनलाइन, #डाॅ0_कमलकिशोर_गोयनका, श्रीमती शारदा त्यागी, #श्री_अनिल_जोशी और श्री #बलराम फोन पर एवं #डॉदिविक_रमेश, डाॅ0 #लालित्य_ललित, तथा डॉ प्रेम जनमेजय साक्षात उपस्थित थे। प्रबन्ध समिति के उपसचिव #रणविजय_राव ने निर्णायक समिति की बैठक की व्यवस्था की।

एक घंटे चली इस बैठक में खुली चर्चा हुई। शीर्ष सम्मान पर चार-पांच नामों पर चर्चा हुई। सोपान सम्मान के लिए दो नामों पर विशेष चर्चा हुई। चर्चा उपरान्त निर्णायक समिति ने सर्व सम्मति से डॉ ज्ञान चतुर्वेदी को शीर्ष सम्मान और श्रीमती समीक्षा तैलंग को सोपान सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया।

रवीन्द्रनाथ त्यागी शीर्ष सम्मान में पच्चीस हजार रुपए की नगद राशि, श्रीफल, शॉल एवं स्मृति-चिह्न प्रदान किया जाएगा। रवीन्द्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान में ग्यारह हजार रुपए की नगद राशि, श्रीफल, शॉल एवं स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा।
सम्मान समारोह 9 मई, 2022 को दिल्ली के हिंदी भवन में शाम 5 बजे आयोजित होगा।

हमारे समय के महत्वपूर्ण व्यंग्यकार डॉ ज्ञान चतुर्वेदी का जन्म मऊरानीपुर (झाँसी), उत्तर प्रदेश में 2 अगस्त, 1952 को हुआ था। डॉ चतुर्वेदी की मध्य प्रदेश में हृदयरोग विशेषज्ञ के रूप में विशिष्ट पहचान है। चिकित्सा शिक्षा के दौरान उन्होंने सभी विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र का गौरव हासिल किया। भारत सरकार के एक संस्थान (बी.एच.ई.एल.) के चिकित्सालय में कोई तीन दशक से ऊपर सेवाएँ देने के पश्चात् हाल ही में शीर्षपद से सेवा-निवृत्ति हुए।

उन्होंने लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक में ‘धर्मयुग’ से की। प्रथम उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ अत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा शिक्षा और व्यवस्था पर था। इसके पश्चात् ‘बारामासी’, ‘मरीचिका’ तथा ‘हम न मरब’ जैसे उपन्यास आए।
दस वर्षों तक ‘इंडिया टुडे’ तथा ‘नया ज्ञानोदय’ में नियमित स्तम्भ लिखा। इसके अतिरिक्त ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘लोकमत समाचार’ दैनिकों में भी काफ़ी समय तक व्यंग्य स्तम्भ-लेखन किया।

डॉ ज्ञान की अभी तक तक़रीबन हज़ार व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। ‘प्रेत कथा’, ‘दंगे में मुर्गा’, ‘मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ’, ‘बिसात बिछी है’, ‘खामोश! नंगे हमाम में हैं’, ‘प्रत्यंचा’ और ‘बाराखड़ी’ जैसे व्यंग्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। शरद जोशी के ‘प्रतिदिन’ के प्रथम खंड का उन्होंने अंजनी चौहान के साथ सम्पादन किया।

डॉ ज्ञान चतुर्वेदी भारत सरकार द्वारा 2015 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित हुए। साथ ही वे ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान'(म.प्र. सरकार); दिल्ली अकादमी का व्यंग्य-लेखन के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ‘अकादमी सम्मान’; ‘अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा-सम्मान’ (लन्दन) तथा ‘चकल्लस पुरस्कार’ के अलावा कई विशिष्ट सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं।

व्यंग्य को गंभीर कर्म समझने वाली समीक्षा तैलंग हिंदी युवा व्यंग्य का चर्चित चेहरा हैं। समीक्षा तैलंग का जन्म ग्वालियर में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में हुई। सुश्री समीक्षा की प्रकाशित पुस्तकें हैं : ‘जीभ अनशन पर है’- व्यंग्य संग्रह (2018) एवं ‘कबूतर का कैटवॉक’ – यात्रा संस्मरण (2020)। इनका सद्यः प्रकाशित व्यंग्य संकलन है-‘व्यंग्य का एपिकसेंटर’। ‘चाटुकार कलवा’, ‘अब तक 75’ नामक साझा व्यंग्य संकलन, मिली भगत-वैश्विक व्यंग्य संग्रहों में भी इनके आलेख शामिल हैं।

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