ओमिक्रोन के लक्षण जल्द पहचाने जाएंगे, एनसीडीसी के संपर्क में ग्वालियर डीआरडीई

ग्वालियर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीई) ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षण प्राथमिक तौर पर पहचानने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। तीसरी लहर की आशंका के चलते डीआरडीई भी मैदान में उतरने वाला है। जिस तरह पहली लहर में डीआरडीई ने कोरोना के सैंपल परीक्षण कर बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी तरह इस बार अगर केस बढ़ते हैं और डीआरडीई के विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है तो डीआरडीई पूरी तरह तैयार होगी। डीआरडीई नेशनल सेंटर फार डिसीस कंट्रोल(एनसीडीसी) के संपर्क में है, जिसमें इस नए वैरिएंट को लेकर मंथन चल रहा है।
मंगलवार को डीआरडीई के स्थापना दिवस के समारोह के दौरान यह जानकारी डीआरडीई के डायरेक्टर डा. मनमोहन परीदा ने डीआरडीओ से आए महानिदेशक जैव विज्ञान डा. यूके सिंह को दी। कार्यक्रम में डीआरडीई मुख्यालय नई दिल्ली से डा यूके सिंह, महानिदेशक (जैव विज्ञान) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक डीआरडीई ग्वालियर डा मनमोहन परीडा ने विगत 49 वर्षों में डीआरडीई द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों, इसके गौरवशाली इतिहास, वर्तमान प्रोजेक्ट, चुनौतियों तथा भविष्य की योजना को प्रस्तुत किया।