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मनी लॉन्ड्रिंग केस; ED ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी बनाया

मनी लॉन्ड्रिंग केस; ED ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी बनाया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी बताया है। ED ने मुंबई के PMLA कोर्ट में दायर 7000 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में देशमुख का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर दर्ज किया है। इस चार्जशीट में अनिल देशमुख के दोनों बेटों के नाम भी हैं।

100 करोड़ की वसूली मामले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख इस के खिलाफ चार्जशीट दायर कर सकता है। कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की टीम ने देशमुख को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि उनके निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को जून महीने में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों के खिलाफ 24 अगस्त को चार्जशीट दाखिल की गई थी। अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था।

क्यों गिरफ्तार किए गए अनिल देशमुख?

  • ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए देने की मांग की थी।
  • इस मामले में CBI ने अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की थी। ED ने CBI की FIR के आधार पर कार्रवाई की है। आरोप है कि देशमुख जब महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे तब उन्होंने बार और रेस्टोरेंट मालिकों से 4.7 करोड़ रुपए वसूले थे। ये रकम दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के दौरान वसूली गई थी और इस रकम को मुंबई पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वझे के जरिए वसूला गया था।
  • ED के मुताबिक, इस रकम में से 4.18 करोड़ रुपए दिल्ली की 4 अलग-अलग शैल कंपनियों में जमा किए गए। इन कंपनियों ने इस रकम को श्री साई शिक्षण संस्थान नाम के एक ट्र्स्ट को डोनेट कर दिया। इस ट्रस्ट को अनिल देशमुख और उनका परिवार ही चलाता है। यानी वसूली का पैसा शैल कंपनियों के जरिए देशमुख के ट्रस्ट में ही इस्तेमाल किया गया।
  • देशमुख ने अपनी पत्नी आरती देशमुख के नाम पर मुंबई के वर्ली में एक फ्लैट खरीदा था। ये फ्लैट 2004 में नगद पैसे देकर खरीदा गया, लेकिन बिक्रीनामा फरवरी 2020 में साइन किया गया, जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे। ED इस मामले में भी जांच कर रही है।
  • देशमुख परिवार की प्रीमियर पोर्ट लिंक्स नामक एक कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी है। ये हिस्सेदारी 17.95 लाख रुपए में खरीदी गई, जबकि कंपनी और उसके बाकी एसेट की कीमत 5.34 करोड़ रुपए की है। इस मामले में भी ED जांच कर रही है।
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