काम पर लौटे जूनियर डाक्टर, जेएएच में पटरी पर आईं व्यवस्थाएं

ग्वालियर । जूनियर डाक्टराें के हड़ताल से वापस लौटने के बाद ओपीडी में जूनियर डाक्टर बैठे। जिससे वहां पर पहुंचने वाले मरीजों काे इलाज मिल सका। साथ ही ट्रॉमा से लेकर सर्जरी विभाग में रुटीन सर्जरी भी शुरू हो गई। वार्ड में भी जो अवयवस्थाएं थी और मरीजों को केयर नहीं मिल पा रही थी, वह भी शुरू हो गई है। जूनियर डाक्टर लौटने के साथ ही जेएएच में व्यवस्थाएं पटरी पर आने लगी हैं। हालांकि रविवार का दिन था, इसलिए मरीजों की भीड़ भी ओपीडी में कम पहुंची।
जूडा की हड़ताल के दौरान जेएएच में मरीजों को कम संख्या में भर्ती किया जा रहा था। कई गंभीर मरीज जेएएच से निकलकर निजी अस्पताल में इलाज लेने चले गए। इन छह दिन हड़ताल का बहाना बनाकर दलालों ने भी खूब कमाई की और मरीजों को जेएएच से निकालकर निजी अस्पतालो में प्रवेश दिला दिया।अब जूड़ा के काम पर वापस लौटने पर इस पर अंकुश लगेगा। गौरतलब है कि शनिवार को जूडा के दल की भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात हुई। जिसमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने नॉन अकेडमिक जेआर उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त कर दिया। जिसके बाद प्रदेश भर में जूड़ा ने हड़ताल वापस ले ली। जीआर मेडिकल कॉलेज के जूडा अध्यक्ष डा श्रीकांत शर्मा ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने फोन पर ही स्वास्थ्य अधिकारियों को नॉन अकेडमिक जेआर उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए। इसके बाद जूडा ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी और अब रविवार सुबह से अपनी ड्यूटी पर लौटेंगे। हालांकि हड़ताल के दौरान जूड़ा ने छटवें दिन रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें 28 लोगों ने रक्त दान किया। गौरतलब है कि नीट पीजी की काउंसलिंग न होने को लेकर जूड़ा ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी थी। जूनियर डाक्टरों का कहना था कि नीट पीजी का बैच न आने से उनके ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। उन्हें पढ़ने का मौका भी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए जब तक नीट पीजी की काउंसलिंग नहीं होती तब तक नॉन अकेडमिक जेआर का सहारा दिया जाए। जिस पर चिकित्सा मंत्री की सहमति मिलने के बाद जूडा ने हड़ताल वापस ले ली। जूडा की हड़ताल जेएएच में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।