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कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार को डिपार्टमेंट ऑफ भ्रष्टाचार खोल लेना चाहिए

कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार को डिपार्टमेंट ऑफ भ्रष्टाचार खोल लेना चाहिए

कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अधिकारी आवाज उठाता है उसे पद से हटा दिया जाता है। उन्होंने हाल ही में उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को हटाने का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार में सिर्फ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार को डिपार्टमेंट ऑफ भ्रष्टाचार खोल लेना चाहिए।

कमलनाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीनियर आईएएस अफसर कल्पना श्रीवास्तव ने उद्यानिकी विभाग में हुए प्याज बीज घोटाले को उजागर किया था इसलिए उन्हें यहां से हटा कर मछली पालन विभाग में भेज दिया गयाl इस घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। जब ईओडब्ल्यू की टीम मंत्रालय में इस घोटाले से संबंधित कुछ दस्तावेज लेने गई थीl इसके बाद सरकार ने कल्पना श्रीवास्तव को हटाया थाl

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बिजली बिल और खाद्य संकट का मुद्दा छाया रहा। दोनों मुद्दों पर बहस के दौरान सरकार के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया।

भोपाल के कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कोरोना काल में बिजली के बढ़े हुए बिलों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संकट के दौर में भी बढ़े हुए बिजली के बिल उपभोक्ताओं को भेज रही है। विदिशा के कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने आरोप लगाया कि सरकार लोक अदालत और बिजली बिल समाधान योजना के माध्यम से किसानों को नोटिस भेजकर वसूली कर रही है। इसे रोका जाना चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा- वसूली नहीं करने की कोई घोषणा नहीं की थी

इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इसके जवाब में कहा कि सरकार ने कोरोना काल में बिजली के बिलों की वसूली नहीं करने की कोई घोषणा नहीं की थी, लेकिन सरकार ने छूट जरूर दी थीl उन्होंने दावा किया कि यदि किसी उपभोक्ता का बिजली की खपत से ज्यादा बिल भेजा गया है तो उसे सुधारा जाएगा।

किसानों को खाद के लिए लाठी मिली
इसी तरह कांग्रेस विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रदेश में खाद्य संकट का मुद्दा ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदन में रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों को समय पर खाद नहीं मिलने के कारण परेशानी हुई। खाद की कमी के चलते किसानों को सड़क पर आना पड़ा और पुलिस की लाठियां खानी पड़ीं। इसके जवाब में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं थी। सरकार ने व्यवस्था के अनुसार सोसाइटियों को 70% और प्राइवेट दुकानदारों को 30% खाद उपलब्ध कराई थी। उन्होंने खाद की कमी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्ष में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर दिया।

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