गुना के गीता प्रचार अभियान की विश्व मे धूम

गीता प्रचार का अंतर्राष्ट्रीय केंद्र बना गुना । गीता जयंती पर हुए भव्य कार्यक्रम आयोजित । अंतर्राष्ट्रीय नि:शुल्क गीता वितरण मिशन का 30 वां दौर प्रारंभ हुआ । गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए।पश्चिम बंगाल, उप्र, मप्र सहित 9 राज्यों में हुआ नि:शुल्क गीता वितरण ।
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गुना। गीता जयंती मोक्षदा एकादशी के तहत अंचल सहित देश के 9 राज्यों में नि:शुल्क गीता वितरण अभियान के 30 वें दौर का शुभारंभ किया गया। अंतर्र्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद मप्र के प्रांतीय मीडिया प्रभारी, विराट हिन्दू उत्सव समिति के संस्थापक, चिंतन मंच, अंतर्राष्ट्रीय गीता प्रचार मिशन (भारत) के प्रमुख संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक गीता जयंती पर देश एवं प्रदेश के प्रमुख शहरों में गीता विरण के साथ धार्मिक अनुष्ठान, गीता पाठ, बौद्धिक, सत्संग सभाएं आयोजित की गईं। गीता पखवाड़े के तहत गुना मुख्यालय सहित कोलकत्ता पश्चिम बंगाल, लखनऊ उप्र, इंदौर सहित 18 बड़े शहरों में भव्य गीता वितरण समारोह आयोजित किया गया। पश्चिम बंगाल में मारवाड़ी महिला मंडल शाखा, कोलकत्ता की अध्यक्ष अध्यक्ष एवं गीता प्रचार अभियान की प्रमुख प्रचारिका विजयश्री रावत के नेतृत्व में भव्य गीता वितरण समारोह एवं बौद्धिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने हिस्सेदारी की। लखनऊ में गीता प्रचार अभियान प्रमुख श्रीमती रश्मि पांडे ने कानून मंत्री ब्रजेश पाठक एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नम्रता पाठक को श्रीमद् भागवत की प्रतियां भेंटकर उप्र में गीता जयंती का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर श्रीमती रश्मि पांडे ने नि:शुल्क गीता वितरण कराया। इंदौर में महिला प्रचार प्रकोष्ठ की प्रमुख संयोजिका श्रीमती कविता समाधिया एवं सीमा पाठक ने गीता की प्रतियां नि:शुल्क वितरण की। वहीं बड़वानी शहर में श्रीमती कविता शर्मा, अहमदाबाद गुजरात में सरोज गोस्वामी, गुना में श्रीमती कुसुम जी सहित 18 शहरों में भव्य गीता वितरण समारोह में गीता की प्रतियां वितरण की गई। गीता वितरण पखवाड़े के तहत मोक्षदा एकादशी से 30 वां दौर प्रारंभ किया गया। अब तक 29 हजार प्रतियां नि:शुल्क वितरित की जा चुकी हैं।
गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए- मंथन
इस मौके पर चिंतन हाउस में आयोजित गीता जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंथन ने कहा कि देश धर्म की रक्षा करना प्रत्येक भारतवासी का धर्म है। पाखंडवाद पर प्रहार एवं भारतमाता के प्रति भक्ति की भावना जाग्रत करना ही वर्तमान का सर्वश्रेष्ठ कर्तव्य है। गीता हमें मानव जीवन के वास्तविक चरम लक्ष्य की ओर ले जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन रूपी भारत को देश धर्म के लिए मर मिट जाने का सच्चा धर्म उपदेश दिया था। चिंतन हाउस में स्वाध्याय के दौरान श्री मंथन ने कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता देश धर्म और भक्ति के प्रति हमारा दायित्व बोध कराती है। शरीर नाशवान है आत्मा अविनाशी फिर भय कैसा। देश के लिए मर मिटना है सच्चा धर्म है। इस अवसर पर चिंतन बैठक में प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि भारत सरकार देश के प्रत्येक सैनिक एवं घर-घर तक गीता के राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा देते हुए स्थापित करवाएं तभी आतंकवाद पर काबू पाया जा सकता है।
मृत्यु का भय दूर करती है श्रीमद् भगवद् गीता- कैलाश मंथन
श्री मंथन ने कहा कि गीता में एक मात्र ऐसा दर्शन विज्ञान है जो मृत्यु का भय दूर करता है, कर्मपथ पर लगाता है, ज्ञान, भक्ति वैराग्य की त्रिवेणी है श्रीमद् भगवद् गीता। जीवन संग्राम में श्रीमद् भगवद् गीता प्रकाश स्तंभ की तरह मानव जाति को मार्ग निर्देशित करती है। विषादमय जीवन में गीता के विचार आत्मबल प्रदान करते हैं। श्री मद् भगवद् गीता राष्ट्रधर्म, देशहित के लिये जीना एवं मर मिटना सिखाती है। दु:खमय जीवन में भी विचलित ना होना सिखाती है गीता। गीता के विचार आत्मसात करके ही सुख और शांति की प्राप्ति की जा सकती है। गीता ऐसे समय में सुनाई गई जब महाभारत का भीषण संग्राम चल रहा था। रक्त की नदियां बहाई जा रही थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने शांत मन से अर्जुन रूपी भारत को आत्मज्ञान से भरपूर मोक्ष प्राप्ति का सरल साधन बतलाया। वेद, शास्त्रों में वर्णित ज्ञान, कर्म, भक्ति का सार समझाया।
विदेशों में गीता प्रचार की गूंज
गुना के गीता प्रचार अभियान की गूंज अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब, जापान, बांग्लादेश, थाईलैंड, श्रीलंका, इंडोनेशिया सहित करीब एक दर्जन देशों में सुनाई देने लगी है। फेसबुक सहित अन्य प्रचार साधनों से श्रीमद् भगवद् गीता के विचारों के प्रति देश एवं विदेश के लाखों लोगों ने श्रद्धा दिखाई है। उपनिषद, धर्म, दर्शन, भारतीय संस्कृति से आम लोगों का सीधा सीधा साक्षात्कार हो इस दृष्टिकोण से गीता को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में किसी से चंदा नहीं लिया जा रहा है। गीता प्रचार अभियान से प्रेरित होकर अनेकों नौजवान अब गीता प्रचार अभियान में जुट गए है।