माता-पिता जबरन कर रहे थे गौना, 14 साल की किशोरी ने फोन कर बुलाई पुलिस

मुरैना । 13 साल की उम्र में किशोरी का विवाह कर दिया गया। इसके बाद भी वह मायके में रहकर पढ़ना चाहती थी, लेकिन माता-पिता उसका गौना कर ससुराल भेजने पर अमादा थे। जब घर में गौने की तैयारियां पूरी हो गईं और नाबालिग को लगा कि खेलने-कूदने की उम्र में उसका मायका व स्कूल दोनों छूट जाएंगे, तो उसने पिता का मोबाइल उठाया और उससे चुपके से डायल 100 पर फोन कर आपबीती सुना दी। सूचना के बाद पुलिस, चाइल्डलाइन व महिला बाल विकास विभाग की टीमें पहुंच गईं, नाबालिग का गौना रुकवाकर उसे प्रशासन की निगरानी में वन स्टॉप सेंटर भेज दिया।
अंबाह थाना क्षेत्र के तोरकुंब गांव की रानी (परिवर्तित नाम) की शादी पिछले साल 13 वर्ष की उम्र में अंबाह कस्बे के युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद लगभग 11 महीने तक रानी अपने माता-पिता के घर पर ही रही। इस दौरान उसकी पढ़ाई भी चलती रही, लेकिन शुक्रवार को उसे ससुराल ले जाने के लिए पति व अन्य रिश्तेदार पहुंच गए। रानी को जब बताया गया, कि आज उसकी ससुराल के लिए विदाई है तो स्वजनों से मिन्नातें की और 12वीं तक की पढ़ाई पूरी नहीं होने तक ससुराल नहीं भेजने की गुहार लगाई। लेकिन उसकी बात को किसी ने नहीं सुना और उसे ससुराल जाने की समझाइश देने लगे। जब रानी का साथ घर के किसी सदस्य ने नहीं दिया तो उसने सहेली से बात करने के बहाने पिता का मोबाइल लिया और घर की छत पर जाकर डायल 100 पर कॉल कर मदद मांगी। सूचना के बाद अंबाह थाने की पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और नाबालिग दुल्हन को थाने ले आई। इसके बाद रानी के मायके व ससुराल वालों ने थाने में ही हंगामा बरपा दिया। हालात बिगड़नते देख पुलिस ने चाइल्डलाइन मुरैना को सूचना दी। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग व चाइल्ड लाइन की टीम थाने पहुंची, जिन्होंने नाबालिग रानी को अपने सुपुर्द लिया और मुरैना ले आए जहां, उसे बाल कल्याण समिति के सामने लाया गया। नाबालिग रानी की बातें सुनने व स्थिति देखने के बाद बाल कल्याण समिति ने नाबालिग को वन स्टाप सेंटर भेज दिया। इसके बाद पूरे मामले की जांच बाल कल्याण समिति व महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुरू कर दी है।