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मन्नत पूरी हुई तो मंदिर-मस्जिद में शुरू की सफाई

मन्नत पूरी हुई तो मंदिर-मस्जिद में शुरू की सफाई

रोज सुबह दो किलोमीटर क्षेत्र के मंदिर-मस्जिदों के बाहर रोजाना निशुल्क करता है सफाई
पंकज श्रीमाली
ग्वालियर। पत्नी के गुजरने के बाद बेटे की नौकरी लगने की मन्नत पूरी होने पर एक सफाई कर्मी पिछले छह सालों से अपने घर के आसपास दो किलोमीटर क्षेत्र में मंदिर-मस्जिद-दरगाहों के बाहर सफाई कर रहा है इतना ही नहीं इन मंदिरों और दरगाहों से निकलने वाली वेस्टेज पूजन सामग्री को भी एकत्रित कर उसे अपने हाथों सेे जल विसर्जित भी करता है।
ग्वालियर के निम्बाजी की खोह में रहने वाले रतनलाल खरे ग्वालियर नगर निगम में दरोगा के पद से रिटायर्ड होकर पिछले कई सालों से मंदिर-मस्जिद और दरगाहों के बाहर स्वंय प्रेरणा से सफाई कर रहे हैं उनका कहना है कि इस कार्य में उन्हें जो प्रसन्नता मिलती है वो वे शब्दों से बयंा नहीं कर सकते हैं। रतनलाल बताते हैं उनकी पत्नी इंद्रा भी नगर निगम में सफाई कर्मी थीं और रिटायरमेंट के चौदह महीने पहले ही उनका देहंात हो गया था जिसके बाद उन्होने मन्नत मांगी थी कि उनके पुत्र की नौकरी लगने के बाद वे रोजाना मंदिर-मस्जिद दहगाहों में सफाई करेंगे और उनके पुत्र की अनुकंपा नियुक्ति भी पत्नी के स्थान पर नगर निगम में हो गई जिसके बाद वे रोजाना अपने घर से निकल कर आसपास के दो किलोमीटर क्षेत्र में स्थित मंदिर-मस्जिद और दरगाहों के बाहर सफाई कर रहे हैं। रतनलाल बताते हैं कि वे रोाजना सुबह जल्दी उठकर निकलते हैं और दोपहर तक सफाई कर वापस घर लौटते हैं। और जब तक उनका जीवन है वे यह कार्य जारी रखेंगे।

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