गद्दार विवाद में कूदे ऊर्जा मंत्री तोमर

ग्वालियर । प्रदेश की राजनीति में राजा -महाराजा के बीच छिड़े सियासी युद्ध मे अब एक दूसरे पर गद्दारी के बयानों के गोले दागे जा रहे है, पहले जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार बताते हुए हमला बोला था, वही अब गद्दारी के बयान और उस पर पलटवार की राजनीति के बीच दिग्विजय सिंह के बयान पर कट्टर सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने तीखा जुबानी हमला बोला है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी गद्दार बताया है। उनका कहना है कि गद्दारी की बात आज वह कर रहा है जो खुद उनके पूर्वज गद्दार है। मंत्री तोमर द्वारा 16 सितंबर 1943 को दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह द्वारा लिखे पत्र का दिया हवाला है,जो तत्कालीन अंग्रेज हुकूमत को नमन करते हुए लिखा गया था। मंत्री तोमर के अनुसार भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा 2002 लगाई प्रदर्शनी में इस पत्र को दर्शाया गया था।जिसके चलते दिग्गी राजा का खून खोला था और उन्हीने ऐतिहासिक उस पत्र को ही हटवा दिया था।वर्तमान राजनीति में इस तरह की भाषा का प्रयोग करना बेहद शर्मनाक है।दिग्विजय सिंह गद्दार है यह आज वर्तमान में भी दिखाई दे रहा है,क्यूंकि जिसने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, उस पार्टी को खत्म करने का काम दिग्विजय सिंह ने ही किया है। वह तो अपने नेतृत्व के साथ भी गद्दारी कर बैठे है। वहीं इस मामले पर कांग्रेस का कहना है कि मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर जिन तथाकथित दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगा रहे हैं वह कितने सत्य हैं यह आज भी सवालों के घेरे में है लेकिन ग्वालियर के फूलबाग स्थित वीरांगना लक्ष्मीबाई का स्टेचू इस बात का गवाह है कि गद्दारी का इतिहास ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार का किस स्तर का रहा है। इतिहास के पन्नों से इस गद्दारी की तस्वीर को कोई भी नहीं भुला सकता है।