महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में 21 माह बाद प्रवेश शुरू

उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में 21 माह बाद सोमवार सुबह 6 बजे से भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश शुरू हो गया। श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का केवल जलाभिषेक करने की ही अनुमति है। मंदिर प्रशासन के अनुसार गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था फिलहाल प्रायोगिक तौर पर की गई है। किसी प्रकार की परेशानी अथवा कोरोना संक्रमण बढ़ने पर प्रवेश बंद भी किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना के चलते 17 मार्च 2020 से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश बंद था।
सोमवार सुबह छह बजे से भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना शुरू हो गया है। भीड़ कम होने पर सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा। भीड़ अधिक होने पर 1500 रुपये की रसीद पर दो लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। परिवार के तीन सदस्य होने पर दर्शनार्थी को 1000 रुपये की रसीद अलग से कटवानी होगी।
इसके अलावा लघुरुद्र की तीन हजार रुपये की रसीद पर तीन लोगों को प्रवेश मिलेगा। 15000 रुपये की महारुद्र की रसीद पर पांच श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल के दर्शन कर सकते हैं। प्रोटोकाल के तहत महाकाल दर्शन करने आने वाले वीआइपी श्रद्धालु के लिए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सशुल्क रखी गई है।
वीआइपी दर्शनार्थियों को 1500 रुपये की रसीद कटवाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह से अनुमति प्राप्त करना होगी। उनकी स्वीकृति के उपरांत ही 1500 रुपये की रसीद काटी जाएगी। सभी श्रेणी के श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह में भगवान का पूजन, अभिषेक, आरती आदि करना प्रतिबंधित है।
श्रद्धालु भगवान को अर्पित करने के लिए दूध, फूल, फल, प्रसाद आदि किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर रोक है। भगवान महाकाल को केवल जल अर्पित करने की अनुमति है। मंदिर समिति सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव अनुसार दर्शनार्थी को आरओ का आधा लीटर जल भी उपलब्ध करा रही है।