ऐतिहासिक प्रदर्शनी के साथ स्वर साधक संगम का शुभारंभ, कल आएंगे संघ प्रमुख

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत के चार दिवसीय घोष शिविर स्वर साधक संगम का शुभारंभ सरस्वती शिशु मंदिर केदारधाम परिसर शिवपुरी लिंक राेड पर हुआ। इस दाैरान ऐतिहासिक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हुआ। घोष की ऐतिहासिक यात्रा को लेकर यह प्रदर्शनी लगाई गई है। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अतिथि के रूप में मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे व राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर मौजूद थे। इस दाैरान अतिथियाें ने प्रदर्शनी का अवलाेकन भी किया। शिविर के दूसरे दिन 26 नवंबर को सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ग्वालियर आएंगे। वे 28 नवंबर तक यहां रहेंगे।
ग्वालियर विभाग संघचालक विजय गुप्ता ने बताया कि स्वर साधक संगम में मध्य भारत प्रांत के 31 जिलों के 550 से अधिक घोषवादक भाग लेंगे। ऐतिहासिक प्रदर्शनी में चार श्रेणियां होंगी, जिसमें परम्परागत एवं प्राचीन वाद्य यंत्रों का प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शन किया गया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी में घोष की इतिहास यात्रा को एलईडी के माध्यम से डिजिटल प्रदर्शन भी किया गया। यह प्रदर्शनी 28 नवंबर तक चलेगी, जो आमजन के लिए खुली रहेगी। चार दिन तक चलने वाले इस शिविर का समापन 28 नवंबर को होगा।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा में ग्वालियर पुलिस के जवान व राजपत्रित अफसर तैनात रहेंगे। साथ ही एसपी अमित सांघी ने पीएचक्यू भोपाल से दो एसएएफ की कंपनियों की मांग की है। यह दो कंपनियां गुरुवार शाम तक ग्वालियर पहुंच जाएंगी। एसपी का कहना है कि संघ प्रमुख जहां ठहरेंगे, वहां पर राजपत्रित अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है। शहर की सुरक्षा व्यवस्था चौकन्नी कर दी गई है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। संघ प्रमुख का जहां-जहां पर आना जाना रहेगा, वहां पर राजपत्रित अधिकारी तैनात किए जाएंगे। गौरतलब है कि संघ प्रमुख को जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है। जेड प्लस सुरक्षा को लेकर जो निर्धारित मापदंड हैं उन्हें सुरक्षा के लिए अपनाया जाएगा। विभाग संघचालक श्री गुप्ता ने बताया कि सरसंघचालक डा. मोहन भागवत जी 26 नवंबर को ग्वालियर आएंगे और 28 नवंबर तक शिविर में रहेंगे। इस शिविर में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी तथा अखिल भारतीय सह शारीरिक प्रमुख जगदीश जी पूरे समय रहेंगे।