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कैबिनेट में समर्थकों को जगह मिलने से पायलट खुश, पार्टी में गुटबाजी से भी इनकार

कैबिनेट में समर्थकों को जगह मिलने से पायलट खुश, पार्टी में गुटबाजी से भी इनकार

राजस्थान कैबिनेट विस्तार में समर्थकों को जगह मिलने पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने खुशी जाहिर की है। पायलट ने कहा कि कल राजस्थान के कैबिनेट का पुनर्गठन हुआ था। आज प्रदेश के राज्यपाल नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। मुझे खुशी है कि कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और प्रदेश की सरकार ने जो कुछ कमियां थीं उसे पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इसमें आदिवासियों का प्रतिनिधित्व भी शामिल है। मुझे लगता है कि यह एक आवश्यक कदम था जिसे कांग्रेस और राज्य सरकार ने आगे बढ़ाया है।सचिन पायलट ने कहा, “नई कैबिनेट में 4 दलित मंत्री शामिल हैं। यह एक संदेश है कि AICC, राज्य सरकार और पार्टी दलितों, पिछड़े और गरीबों के लिए प्रतिनिधित्व चाहती है। लंबे समय से हमारी सरकार में दलित प्रतिनिधित्व नहीं था, अब इसकी भरपाई हो गई है और उन्हें अच्छी संख्या में शामिल किया गया है।”

सरकार बनने के 2 साल 11 महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो रहा है। मंत्रिमंडल फेरबदल के जरिए जातीय, क्षेत्रीय और कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सियासी समीकरण साधने की कोशिश की गई है। गहलोत ने दो पद वाले 3 मंत्रियों को छोड़ किसी को ड्रॉप नहीं किया है, साथ ही 11 नए कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए हैं।

तीन दलित मंत्रियों- ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली को राज्य मंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया है। कैबिनेट में गोविंद मेघवाल को मिलाकर चार दलित चेहरे हो गए हैं। हर चेहरे के पीछे अलग सियासी समीकरण साधने की कोशिश है। हालांकि अभी भी कई सियासी पेच सुलझने बाकी रह गए हैं।

फेरबदल में कांग्रेस के कोर वोट बैंक का खास ध्यान रखा है। शेयरिंग फॉर्मूला से पायलट कैंप के विधायकों को भी नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है, जबकि पायलट के नजदीकी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की फिर से एंट्री हुई है। जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट को मौका दिया गया है। जाट ने अपनी करियर की शुरुआत कांस्टेबल से की थी। अब वे सीएम के सबसे खास माने जाते हैं।

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