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दो साल पहले लगी नशे की लत, काम छोड़ दिया, डिप्रेशन में आ गया अब फांसी लगाकर दे दी जान

दो साल पहले लगी नशे की लत, काम छोड़ दिया, डिप्रेशन में आ गया अब फांसी लगाकर दे दी जान

ग्वालियर ।नशे के कारण अब जान भी जाने लगी हैं। स्मैक के नशे की गिरफ्त में आए 23 साल के युवक ने दो साल में दो बार नौकरी छोड़ दी। इतना ही नहीं डिप्रेशन में चला गया। जब कुछ समझ नहीं आया तो फांसी लगाकर अपना जीवन समाप्त कर दिया। घटना शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात रामाजी का पुरा की है। शनिवार सुबह जब बहन ने उसे समझाने के लिए कॉल किया तो घटना का पता लगा। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मर्ग कायम कर लिया है। अभी पुलिस खुदकुशी के कारणों की पड़ताल कर रही है।

ग्वालियर पुलिस लगातार नशे के सौदागरों पर वार कर रही है, क्योंकि पुलिस का मानना है कि ज्यादातर अपराध की जड़ यह सूखा नशा (स्मैक, गांजा, चरस) है। इसलिए पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। पर अब इस सूखे नशे के कारण लोग अपनी जान भी देने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार सुबह देखने को मिला है। बताया गया कि बहोड़ापुर रामाजी का पुरा निवासी धर्मेन्द्र राणे (23) पुत्र नंदराम राणे दो साल पहले तक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। घर में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तभी उसे स्मैक पीने की लत लग गई। जब नशे का आदी हुआ तो उसकी नौकरी छूट गई। इसके बाद कोरोना का काल शुरू हो गया। कहीं नौकरी नहीं लगी तो उसकी नशे की लत और बढ़ती चली गई। जिसके लिए घर में भी वह आए दिन झगड़ा करने लगा। जब भी उसे नशा करने के लिए रुपए नहीं मिलते थे तो वह नाराज होकर घर से निकल जाता था। धीरे-धीरे नशे ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया था। शुक्रवार रात वह बाजार से लौटा और बिना खाना खाए कमरे में चला गया। शनिवार सुबह जब उसकी बहन ने कॉल किया और धर्मेन्द्र से बात कराने के लिए कहा तो बड़ा भाई उसके कमरे में पहुंचा तो वह फांसी पर लटका मिला है। तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी गई। बहोड़ापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को निगरानी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
भाई बोला- मेरे भाई को नशा खा गया
– घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठे मृतक धर्मेन्द्र के भाई का कहना है कि धर्मेन्द्र बहुत अच्छा लड़का था, लेकिन 2 साल पहले कुछ दोस्तों ने उसे नशे की लत लगा दी। इसके बाद तो वह कहीं खो सा गया था। फिर तो उसका काम छूट गया और वह हर समय घूमता रहता था। धीरे-धीरे वह डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा था। अब उसने यह कदम उठा लिया।

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