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बचपन से कम थी आंखों की रोशनी,अब दिखना बंद हुआ तो डिप्रेशन में दे दी जान

बचपन से कम थी आंखों की रोशनी,अब दिखना बंद हुआ तो डिप्रेशन में दे दी जान

ग्वालियर।बचपन से आंखों की रोशनी कम थी, लेकिन जब 38 साल की उम्र में लगभग दिखना न के बराबर हो गया तो महिला ने अपनी जान देने का फैसला किया। बीमारी से डिप्रेशन में आई महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना माधौगंज के प्रीतमपुरा कॉलोनी की है। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मर्ग कायम किया है। महिला ने खुदकुशी के बाद कोई सुसाइड नोट तो नहीं छोड़ा है, लेकिन वह आंखों की बीमारी से परेशान थी यह सभी जानते थे।

माधौगंज के प्रीतमपुरा कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय शांति पत्नी कमल सिंह ने रात सभी के साथ खाना खाया और अपने कमरे में सोने चली गईं। पति बाहर टीवी देखते हुए बाहर कमरे में सो गया। सुबह देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। यह देखकर पति की चीख निकल गई। उसे फंदे से उतारकर तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।अस्पताल की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को निगरानी में लेकर घटना स्थल की बारीकी से जांच की। यहां जांच पड़ताल में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। मायके या ससुराल पक्ष से भी किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

आंखों से दिखता था कम
पुलिस जांच में पता चला है कि मृतक महिला की बचपन से ही आंखें कमजोर थीं और कुछ समय से उसे काफी कम दिखाई दे रहा था। इससे वह घर के साधारण काम भी नहीं कर पा रही थी। एक तरह से उसे अपने कामों के लिए भी परिवार के दूसरे लोगों पर निर्भर होना पड़ता था। यही वजह है कि वह लगातार डिप्रेशन में आती जा रही थी। कुछ समय से तो उसने घर से बाहर भी जाना बंद कर दिया था। पुलिस अफसरों का मानना है कि इसी आंखों की बीमारी से डिप्रेशन में आकर उस ने यह कदम उठाया है।

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