ग्वालियर-चंबल अंचल में बारिश से धान और कटे बाजारे को हुआ भारी नुकसान

ग्वालियर.। ग्वालियर- पहले बाढ़ और अब बारिश ने किसानों को बर्बाद कर दिया। खेतों में खडी धान और कटा हुआ बाजरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा सरसों को भी नुकसान हुआ है। क्योंकि सरसों की वर्तमान में बुवाई चल रही है और बारिश की वजह से किसानों का बीज खराब हो गया है।
बंगाल की खाड़ी से अा रही नमी के कारण 10 घंटे शहर सहित समूचे ग्वालियर चंबल अंचल में भारी बारिश ने न सिर्फ अक्टूबर में 66 साल कार रिकार्ड तोड़ा है बल्कि किसानों को बर्बा कर दिया। खेतों में पकी खड़ी धान और और कटा हुए बाजरा पूरी तरह से खराब हो चुका है। इसके साथ् ही 90 फीसद सरसों की बुआई को बारिश ने बुरी तरह प्रभावित किया है।
श्योपुर जिले में सर्वाधिक बारिश हुई
– कराहल में 312 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां धान की फसल पूरी तरह तबााह हो गई, प्रशासन ने सुबह से ही पटवारियों को नुकसान का आकलन करने गांवो में भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि बाढ़ ने सर्वाधिक श्योपुर को ही बबार्द किया था।ग्वालियर शहर में 1955 में 13 अक्टूबर को 24 घंटे में 150 मिमी बारिश हुई, उसके बाद से अक्टूबर में भारी बारिश नहीं हुई। 17 अक्टूबर 2021 को 10 घंटे में 71.7 मिमी बारिश हुई है।डबरा व भितरवार में ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। अंचल में दतिया में 101 मिमी बारिश हुई है। भिंड, मुरैना, गुना, शिवपुरी भी भारी बारिश दर्ज हुई है। सुबह से बूंदाबांदी का दौर जारी है, लेकिन शाम तक बारिश का एक दौर और आ सकता है।
आपको बता दें कि रविवार शाम को तेज बारिश के साथ हुई झमाझम बारिश के चलते,सोई कला बड़ौदा ओर कराहल क्षेत्र के मेवाड़ा ,प्रेमसर,बगडुआ, जावदेश्वर, पनवाड़ा,कराहल मानपुर, दांतरदा कला ज्वालापुर सांमरसा ददुनि,चिमलका सोईकलां नन्दापुर, नागर गावडा रन्नौद सहित जिले के दो दर्जन से अधिक गांव में खड़ी हजारों बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई है। हालात ऐसे हैं कि हाल ही में वही सरसों को लेकर भी किसानों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। हालांकि कलेक्टर शुभम वर्मा ने मौजूदा हालातों को देखते हुए जिले भर के सभी हल्का पटवारियों को बारिश में हुए नुकसान की सर्वे के तत्काल तहसीलदारों को रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दे दिए है।
जिले में हुई बारिश को लेकर किसानों का कहना है कि, पहले तो बाढ़ ने बर्बाद कर दिया था लेकिन इधर उधर से कर्जा लेकर फसल तैयार की थी तो अब फिर से एक बार जोरदार हुई बारिश के चलते खेतों में खड़ी हुई धान की पकी फसल बारिश ने पूरी तरह नष्ट कर और खेतों में घुटनों घुटनों तक पानी भर गया है ऐसे में सरकार से मांग है कि जिन लोगों की फसल नष्ट हुई है उन्हें जल्द से जल्द उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
क्षेत्र में पहुंचे राजस्व विभाग के टीम
रात को हुई झमाझम बारिश के चलते मौके स्थिति का जायजा लेने पहुंचे पटवारी ददुनि हल्का पटवारी राजीव शर्मा ज्वालापुर हल्का पटवारी राहुल शर्मा नागरगावडा हल्का पटवारी दीपेंद्र जादौन सोई हल्का पटवारी हर्ष उपाध्याय क्षेत्र में हुए नुकसान के चलते खेतों पर जाकर जानकारी भी ली गई
किसानों की उम्मीदों पर फिर आप पानी
रात भर हुई झमाझम बारिश के चलते किसानों के धान वेब सरसों उरई की फसल में काफी नुकसान हुआ है पहले बाढ़ के चलते कई किसानों की फसलें चौपट हो गई थी अब झमाझम बारिश के चलते हुए कई किसानों की फसल जैसे धान सोयाबीन सरसों आदि फसलों में 50% से अधिक नुकसान हो गया है
8 दिन में कट जाती किसानों के धान की फसल
4 महीने से उम्मीद लगाए बैठे किसानों उम्मीद थी कि धान की फसल से जो कर्जा लिया इसे की शादी किसी को कर्जा चुकाने की उम्मीद थी पर 13 घंटे लगातार झमाझम बारिश तेज हवाओं के चलते किसानों की फसल जमीन में में ही लेट गई खेतों में 1 फीट पानी हो गया