हाईकाेर्ट से मिली पांच बीएड कालेज के 600 विद्यार्थियों को राहत, कहा-परीक्षा दे सकेंगे

ग्वालियर। हाई कोर्ट की युगल पीठ ने अंचल के पांच बीएड कालेज के विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की सशर्त अनुमति दी है। आदेश दिया है जीवाजी विश्वविद्यालय उनके नामांकन की लिंक खोले। साथ ही परीक्षा फार्म भरवाकर परीक्षाएं कराएं, लेकिन जो रिजल्ट आएगा, वह वेस्टर्न रीजनल कमेटी के फैसले के अधीन रहेगा। इस फैसले से 600 विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिल गई।
एनसीटीई (नेशलन काउंसिल फार टीचर एजुकेशन) ने अंचल के छह कालेंजों की मान्यता वापस ले ली थी। यह मामला वेस्टर्न रीजनल कमेटी के सामने पहुंचा। कमेटी ने मान्यता वापस लेने के आदेश पर रोक लगा दी। इस कारण यह कालेज उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आ गए। पोर्टल पर आने से विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिए, लेकिन जेयू ने यह कहते हुए सत्र 2020-21 की परीक्षा कराने से इन्कार कर दिया कि कालेजों को मान्यता नहीं है। इस पर राधाकिशन कालेज दतिया, शिवकुमार शिक्षा प्रसार समिति भिंड, चंबल बीएड कालेज मुरैना, युवा शिक्षा व्यवसाय महाविद्यालय अशोक नगर व गुना ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इसमें कालेजों की कोई गलती नहीं है। पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं, लेकिन अब परीक्षा नहीं कराई जा रही। इससे विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा। कोर्ट ने सशर्त परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।