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आउटसोर्स बिजलीकर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी, ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं माने; बोले- हटाया तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे

आउटसोर्स बिजलीकर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी, ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं माने; बोले- हटाया तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे

ग्वालियर।प्रदेश के 35 हजार से अधिक आउटसोर्स बिजलीकर्मी 27 सितंबर से बेमियादी हड़ताल पर है। बुधवार को हड़ताल का तीसरा दिन है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आश्वासन के बावजूद उन्होंने लौटने से मना कर दिया है। इधर, कंपनी की अनुशंसा के बाद आउटसोर्स कंपनियां कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। इसे लेकर कर्मचारियों ने कहा कि एक को भी हटाया तो प्रदेशभर में भूख हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

हड़ताल के कारण वसूली, मेंटेनेंस और ग्रिड से जुड़े काम अटक गए हैं। इस कारण बिजली कंपनी ने आउटसोर्स कंपनियों को अनुशंसाएं भेजी हैं। इसके बाद कंपनियों ने कर्मचारियों को मौखिक रूप से चेताया है कि वे काम पर लौट जाए। वरना कार्रवाई की जाएगी। बावजूद बुधवार को कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैं। ग्वालियर समेत प्रदेशभर में कर्मचारी हड़ताल पर है।

एक दिन पहले मांगें मानने की कही थी बात

ऊर्जा मंत्री तोमर ने एक दिन पहले मंगलवार को कहा था कि बिजली कंपनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ न्याय होगा। उनकी जायज मांगें मानी जाएगी। ​​​बैठक करके मांगों पर विचार किया जाएगा। बावजूद इसके बुधवार को कर्मचारी काम पर नहीं लौटे।

मांगों को लेकर कर रहे हैं हड़ताल, कार्रवाई की तो उग्र प्रदर्शन करेंगे

मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रदेश संयोजक मनोज भार्गव ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी कंपनी की रीड़ है, लेकिन उनकी वर्षों से मांगें लंबित है। हड़ताल के चलते कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन डरेंगे नहीं। हटाया तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

इन मांगों को लेकर प्रदर्शन

  • आउटसोर्स कर्मचारियों को बिजली कंपनी में मर्ज किया जाए।
  • वेतन में बढ़ोतरी की जाए।
  • मप्र के बिजली क्षेत्र से ठेकेदारी कल्चर खत्म कर आउटसोर्स रिफार्म नीति बनाई जाए।
  • सब स्टेशन ऑपरेटर, पॉवर प्लांट ऑपरेटर, हेल्पर और सुरक्षा सैनिकों को साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य रूप से दिया जाए।
  • पॉवर ग्रिड और सब स्टेशन व पॉवर प्लांट ऑपरेटरों को कुशल श्रमिक के स्थान पर उच्च कुशल श्रमिक का मासिक मानदेय प्रतिमाह दिया जाए।
  • स्वास्थ्यकर्मियों की तरह 3 हजार रुपए का प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाए। ठेका श्रमिकों को बोनस भी दिया जाए।
  • 45 साल की उम्र पार कर चुके ठेकाकर्मियों को 60 वर्ष तक सेवा में रखा जाए।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह का तकनीकी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से मिले।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके गृह स्थान से अधिकतम 5 किमी से अधिक की दूरी पर ट्रांसफर नहीं किया जाए।
  • सुरक्षा के सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाए।
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