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खुशियों की दास्तां:संकट की घड़ी में रेखा को संबल ने दिया सहारा

खुशियों की दास्तां:संकट की घड़ी में रेखा को संबल ने दिया सहारा

 

ग्वालियर / सामान्य रूप से चल रही जीवन की गाड़ी में अगर कोई एक पहिया टूट जाता है तो परिवार का लालन-पालन असंभव सा लगने लगता है। डबरा निवासी श्रीमती रेखा पुरी के साथ भी यही हुआ। उसके पति श्री गजेन्द्र पुरी का 5 जनवरी 2021 को निधन हो गया। तीन बच्चों की जिम्मेदारी के साथ ही घर को चलाना अब एक बड़ा संकट उसके सामने था। संकट की इस घड़ी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही संबल योजना उसके लिए एक आशा की किरण बनकर सामने आई। संबल ने ही उसे संबल दिया कि वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर काबिल बना सके और अपनी जीवन की गाड़ी को भी चला सके।
पति की मृत्यु होने पर रेखा पुरी को संबल योजना के तहत 4 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा उसे शासन की अनेक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया गया। उसको विधवा पेंशन, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, अटल जयोति योजना के साथ ही स्व-सहायता समूह से जोड़कर उसको आर्थिक मजबूती प्रदान की गई। रेखा पुरी ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां कु. अनुष्का पुरी 18 वर्ष, कु. राधिका पुरी 12 वर्ष तथा एक बेटा अभिषेक पुरी 15 वर्ष का है। दो बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ भी प्राप्त हो रहा है।
संबल योजना के लाभ के साथ ही उसे खाद्यान्न पर्ची मिल जाने से नियमित रूप से खाद्यान्न भी उपलब्ध हो रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और अटल ज्योति योजना के तहत एक बत्ती कनेक्शन भी प्राप्त है। कलेक्टर ग्वालियर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने रेडक्रॉस समिति के माध्यम से पाँच हजार रूपए की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई है। क्षेत्रीय सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने भी उसे 10 हजार रूपए की आर्थिक मदद करने की स्वीकृति प्रदान की है।
रेखा पुरी का मानना है कि संकट की घड़ी में संबल योजना ने ही उसे वो शक्ति प्रदान की जिससे वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाने के साथ उनका लालन-पालन भी अच्छे से कर रही है। इसके साथ ही शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उसे मिल रहा है। इसके लिये वो प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित कर रही हैं। उनका मानना है कि संकट की घड़ी में लोगों को सहारा देने का काम संबल योजना के माध्यम से हो रहा है।

मधु सोलापुरकर
सहायक संचालक, ग्वालियर

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