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बंदूकें रिश्ते तुड़बाती है पानी रिश्ते जुड़वाता है :जल पुरुष राजेंद्र सिंह

बंदूकें रिश्ते तुड़बाती है पानी रिश्ते जुड़वाता है :जल पुरुष राजेंद्र सिंह

 

भिण्ड, .नदी बचाओ सत्याग्रह पदयात्रा के चौथे दिन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने कहां कि भगवान क्या है यह हमें समझना चाहिए भ से भूमि ग से गगन व से वायु अ से अग्नि और न से नीर, इन पंच महाभूतों से मिलकर ही भगवान बनते हैं। नीर नारी नदी  का सम्मान करने से हम दुनिया के गुरु बने थे, डॉ गोविंद सिंह नदी के लिए काम कर रहे हैं इसलिए मैं यहां आया हूं। देश और दुनिया में जहां भी पानी और नदी के लिए काम होता है, चाहे वह अफ़्रीका हो या हिंदुस्तान, कौन व्यक्ति कर रहा है किस राजनीतिक दल का है यह मेरे लिए मायने नहीं है मैं उसके साथ हूं। डॉ गोविंद सिंह के साथ हूं, आपके साथ हूं । पानी के काम में अच्छा करने की आवश्यकता है और मैं हमेशा सहयोग के लिए तत्पर रहूंगा

ज्ञात रहे डॉक्टर गोविंद सिंह के नेतृत्व में नदी बचाओ सत्याग्रह पदयात्रा 61 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है और आज चौथे दिन 20 किलोमीटर दूरी तय करके बरही में विश्राम होगा। चौथे दिन की यात्रा इंदिरा गांधी चौराहे पर जनसभा को संबोधित करके हुई जहां आज वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश यात्रा में सम्मिलित होंगे। सभा को संबोधित करते हुए डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि मैं कुछ समय पहले अलवर गया था वहां मैंने देखा कि 20-25 साल पहले जो नदियां मर चुकी थी उनको राजेंद्र सिंह जी के प्रयास से बारहमासी नदियों में बदल दिया गया है। हमारी सिंध तो अभी जिंदा है और मरने की कगार पर है आज भिण्ड में हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास चंबल, सिंध, क्वारी, बेसली, पहुंज इतनी नदियों के बावजूद भी हमारे ट्यूब बैलों का जलस्तर 40-50 फुट नीचे चला गया है। सिंध तो दतिया और भिण्ड की जीवनदायिनी नदी है। इसमें पानी रहेगा तो 50-60 किलोमीटर के क्षेत्रफल में पीने का पानी मिलता रहेगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों से जब हमने आलमपुर क्षेत्र की बात की कि वहां जमीन में सोनभद्रका नदी का पानी है तो उन्होंने कहा यह सिंध का पानी है जहां जहां पानी में रेत आता है वह सब सिंध का पानी है। 20- 25 साल पहले मानगढ़ गांव से जालौन जून के महीने में एक बारात गई थी। मेहदा घाट पर 29 यात्रियों से भरी हुई नाव डूब गई थी। उस समय वहां पर जून में भी 10-15 फुट पानी हुआ करता था, जो आज सितंबर के महीने में भी एक बिलस्त पानी रह गया है, अगर हमने आज नहीं सोचा तो भविष्य में हमारा क्षेत्र जो डाकू समस्या से मुक्त हो गया है फिर से डाकू समस्या जीवित हो जाएगी, जब खाने को नहीं होगा तो लूटमार मचेगी। भिण्ड की मिट्टी बहुत उपजाऊ है पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसी उपजाऊ मिट्टी होने पर भी पानी के अभाव में हम अपने लोगों का पेट नहीं भर पाएंगे। यह यात्रा न राजनीतिक यात्रा यात्रा है ना धार्मिक यात्रा है यह सामाजिक यात्रा है। मैंने 35 साल राजनीति की है, अब मुझे चुनाव नहीं लड़ना है शेष जीवन जनकल्याण के लिए देना है।
सभा को डॉ राधेश्याम शर्मा ने भी संबोधित किया और उन्होंने जल पुरुष राजेंद्र सिंह का स्वागत और आभार व्यक्त किया तथा कहा की आपके नेतृत्व में भिण्ड में नदियों का जीवन सुरक्षित होगा मैं ऐसी आशा करता हूं। मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष राम राम हिंडोलिया पूर्व विधायक हेमंत कटारे तथा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जय श्रीराम बघेल मौजूद थे।

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