घटने लगा चंबल का बढ़ा हुआ जलस्तर, खुल गया नावली वृंदावन का रास्ता

*टला नहीं है अभी बाढ़ का खतरा*
*यदि कोटा बैराज से फिर से छोड़ा गया पानी तो तटवर्ती गांव में आ सकती है बाढ़
भिण्ड, 2 सितंबर। उज्जैन, इंदौर,नीमच में हुई भीषण वारिश के कारण गांधीसागर डेम से लगातार पानी छोड़ने के कारण कोटा बैराज से 7.34 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे अटेर के तटवर्ती गांवों पर वाढ का ख़तरा मंडराने लगा था।
कल मंगलवार को नावली वृंदावन का रास्ता बंद होकर खेतों में पानी भर जाने से गांव का संपर्क टूट गया था। बीती रात से अब स्थिति नियंत्रण में है और अब नावली वृन्दावन का रास्ता खुल गया है।
*उदी घाट पर भी घट गया जल स्तर*
उदी घाट पर खतरे के निशान को छू रही चम्बल के तेवर अब कुछ नरम पड़े है। मंगलवार को यहाँ चम्बल का जलस्तर 120 मीटर को छू गया था।
*यदि फिर से बारिश बड़ी तो हो सकता है खतरा*
गांधी सागर बांध के ऊपर इलाके में यदि फिर से जोरदार बारिश होती है तो पुनः चंबल में उफान आ सकता है बीते साल अटेर क्षेत्र के कछपुरा, खेराहट, नावली वृंदावन, मुकुटपुरा, दिन्नपुरा, नखरौली की मड़इया, कोषड की मढ़ैया, चिलोंगा, रमा कोट सहित 19 गांवों में चंबल का पानी घुस गया था। जिसमें हजारों बीघा में खड़ी फसल नष्ट हो गई और सेना की सहायता से स्थिति नियंत्रण में आई थी।