मुठभेड़:25 हजार का इनामी बदमाश गोली लगने के बाद गिरफ्तार

राजधानी लखनऊ में 25 हजार के इनामी बदमाश जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू उर्फ जीतेश को शनिवार देर रात क्राइम ब्रांच और मड़ियांव पुलिस ने घैलापुल के पास मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। क्रॉस फायरिंग में पुलिस की गोली लगने से जितेंद सिंह घायल हो गया, उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। उसके कब्जे से एक तमंचा बरामद हुआ है। जितेंद्र पिछले दिनों कबीर मठ के प्रशासनिक अधिकारी की हत्या मामले में फरार चल रहा था।
एडीसीपी नार्थ राजेश श्रीवास्तव मुताबिक, क्राइम ब्रांच टीम को सूचना मिली थी कि जितेंद्र और उसका साथी बाइक से मड़ियांव की ओर जा रहे हैं। जिसके बाद मड़ियांव पुलिस से सपंर्क किया गया। घैला पुल के पास बाइक सवार जितेंद्र और उसके साथी को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन आरोपी ने फायर कर दिया। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में जितेंद्र घायल हुआ, जबकि उसका साथी चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक, उस पर हरदोई और सीतापुर में भी कई केस दर्ज हैं।
दो आरोपी पहले पकड़े गए थे
हसनगंज थाना क्षेत्र के डालीगंज में कबीर मठ है। यहां धार्मिक और अन्य समारोह आयोजित होते हैं। जिसके लिए मठ को बुक किया जाता है। बीते 24 अगस्त सोमवार की सुबह दो लोग बुकिंग कराने आए थे। बात करते-करते एक ने प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र दास को गोली मार दी थी। इसके बाद दोनों फरार हो गए थे। 26 अगस्त को धीरेंद्र दास की मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्याकांड की साजिश में शामिल 2 लोग सुधीर पांडे, आलोक वर्मा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि तीन अन्य बदमाशों के साथ मिलकर उन लोगों ने हत्याकांड की साजिश रची थी।
साजिशकर्ताओं ने शूटर से करवाया था हमला
फिलहाल, पुलिस टीम को सीसीटीवी में कुछ खास सुराग हाथ नहीं लगा था। पुलिस के पूछताछ में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने बताया था कि शूटर से हमला करवाया था। एडीसीपी उत्तरी राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि कबीर मठ के अधिकारी धीरेंद्र दास की हत्या पैसों के लेन देन में की गई थी। धीरेंद्र के साथी ने हत्या कराई थी।
पहले भी हो चुका था हमला
साल 2015 में भी कबीर मठ के धीरेंद्र दास प्रशासनिक अधिकारी पर गोली चली थी। उस समय की जांच में आपसी मामला पाया गया था। इस मामले में पुलिस को आपसी रंजिश का मामला सामने आया था।