कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में हुआ बवाल, राहुल के आरोपों पर भड़के आजाद ने की इस्तीफे की पेशकश

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के नेतृत्व में बदलाव वाले पत्र को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जिन्होंने इस पत्र को लिखा वो भाजपा से मिले हुए हैं।
राहुल के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खासा नाराज हैं और उन्होंने राहुल पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के बीच में ट्वीटर पर राहुल को निशान पर लेते हुए कई ट्वीट किए। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की सफाई के बाद सिब्बल ने अपने ट्वीट हटा लिए। दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर इस्तीफे की पेशकश की है।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा
दरअसल, सिब्बल ने ट्वीट किया था, राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम भाजपा के साथ मिले हुए हैं। मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में गिरती सरकार को बचाया। पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं।
हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर सफाई दी। इसके बाद कपिल सिब्बल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत रूप से सूचित किया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं।
गुलाब नबी आजाद ने क्या कहा
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी।
बता दें कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके।
इसलिए हुआ बवाल
दरअसल, सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ। यहां तक कि सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें ऐसा नहीं करने को कहा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पत्र (पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी) को उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो कुछ लिखा गया है उसपर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक था न कि मीडिया।
गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की डिजिटल बैठक आरंभ होने के साथ पार्टी मुख्यालय के बाहर कई कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष स्वीकार नहीं है।
इन कार्यकर्ताओं का हाथों में तख्ती लेकर नारेबाजी करना इस बात का संकेत है कि नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर टकराव बढ़ रहा है। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के समर्थन में नारेबाजी की।
एक कार्यकर्ता ने तख्ती ली हुई थी, जिस पर लिखा हुआ था कि ‘अगर गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष बना तो पार्टी टूट जाएगी।’ कार्यकर्ताओं ने ‘गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं’ के नारे भी लगाए।