Now Reading
उपचुनाव:निर्वाचन आयोग का निर्णय; समय पर ही होंगे उपचुनाव, अब प्रदेश की खाली 27 सीटों पर सितंबर में मतदान होने की संभावना

उपचुनाव:निर्वाचन आयोग का निर्णय; समय पर ही होंगे उपचुनाव, अब प्रदेश की खाली 27 सीटों पर सितंबर में मतदान होने की संभावना

चुनाव आयोग ने 56 विधानसभा सीटों तथा एक संसदीय सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला किया है। आयोग की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया। आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। मध्यप्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होना है। उन्होंने कहा कि इन सीटों के उपचुनाव की तारीख उचित समय पर घोषित की जाएगी। अधिकांश सीटों पर सितंबर तक चुनाव कराए जाना है।

आयोग ने कल कहा था कि चुनाव आयोग की शुक्रवार को होने वाली बैठक में इन सीटों के उपचुनाव के बारे में विचार किया जाएगा। आयोग के अनुसार 22 जुलाई को आयोग के वरिष्ठ प्रधान सचिव सुमित मुखर्जी द्वारा जारी विज्ञप्ति से मीडिया में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी, इसीलिए उन्होंने कल यह स्पष्ट किया कि आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के बारे में जो फैसला लिया गया था, वह एक विशेष परिस्थिति में लिया गया था। लेकिन आयोग ने जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 151 के तहत उपरोक्त सभी सीटों पर उपचुनाव कराने का फैसला किया है। आठ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव सात सितंबर तक स्थगित किए गए हैं, लेकिन बैठक में सभी सीटों के उप चुनाव के बारे में विचार किया जाएगा।

कलेक्टर को 55 दिन पहले देना होता है रिपोर्ट
भारत में चुनाव के लिए कलेक्टर ही निर्वाचन आयोग के अधिकारी होते हैं। उन्हें चुनाव के पहले अपने यहां की पूरी रिपोर्ट 55 दिन पहले आयोग को देना होता है। इसमें मतदाताओं की पूरी जानकारी से लेकर चुनाव संबंधी सभी तैयारियों की एक-एक बिंदुबार रिपोर्ट शामिल होती है। उसी की रिपोर्ट पर आयोग चुनाव कराने का निर्णय करता है।

सीट खाली होने के 6 महीने में होते हैं चुनाव
नियमानुसार सीट रिक्त होने पर छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए। प्रदेश में कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। आगर मालवा सीट पर उपचुनाव 30 जुलाई को होना था। जौरा विस सीट का उपचुनाव पहले ही टल चुका है। कुछ सीटों को छोड़ सभी सीटों पर 7 सितंबर तक उपचुनाव कराया जाना है।

View Comments (0)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Scroll To Top