BCCI में गांगुली और जय शाह के भविष्य पर लटकी तलवार, सुप्रीम कोर्ट में अब दो हफ्ते बाद लगेगा मामला

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और राज्य क्रिकेट संघों में सुधार के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हुई. अब सुप्रीम कोर्ट में ये मामला दो हफ्ते बाद लगेगा. सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआई की उस अर्ज़ी पर विचार कर सकता है, जिसमें पिछले साल चुने गए अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग की गई है. बीसीसीआई चाहता है कि उसके यहां बिताए कार्यकाल के हिसाब से ही पदाधिकारी को पद से अलग करने पर फैसला हो.
दरअसल, लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों के मुताबिक किसी राज्य के क्रिकेट संघ और बीसीआई को मिलाकर 6 साल तक पदाधिकारी रहने वाले व्यक्ति को 3 साल तक कोई पद नहीं ले सकता. बीसीसीआई में पद संभालने से पहले गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड और जय शाह गुजरात क्रिकेट बोर्ड में पदाधिकारी थे. इस लिहाज से दोनों 6 साल पदाधिकारी रह चुके हैं.
बीसीसीआई के नये संविधान के मुताबिक, राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है. गांगुली और शाह ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल नौ महीने बचे थे. गांगुली के छह साल इस महीने के आाखिर में पूरे होंगे जबकि माना जा रहा है कि शाह ने कार्यकाल पूरा कर लिया है.