‘मिट्टी की राखियां, उगेगा तुलसी का पौधा‘

ग्वालियर. तुलसी का बीज डालकर बनाने का नया अभियान हाथ में लिया है और रक्षाबंधन के बाद उस राखी को हम गमले में डालेंगे तो तुलसी का पौधा उगेगा और ना सिर्फ तुलसी का, बल्कि लौकी, तौरई, करेला, तरबूज कई तरह के बीजों की राखियां बनाई जा रही हैं। कैट महिला विंग की आज की वेबिनार में राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा सेठी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढें और भारतीय त्यौहारों को पूरी तरह भारतीयता का परिवेश पहनायें। इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश कैट महिला विंग की संयोजक पूनम गुप्ता ने कहा कि हमने सवा लाख राखियां 8 दिन में तैयार करके ढाई सौ महिलाओं को रोजगार दिया है। ग्वालियर अंचल के प्रत्येक जिले में कैट इन राखियों का विक्रय करेगा।
कैट की मध्यप्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती अलका श्रीवास्तव ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा कि हम बैंक फायनेंस के साथ उनकी मदद के लिए तत्पर हैं और महिलाएं आगे आयें। ना सिर्फ राखी से बल्कि गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दीपावली का त्यौहार पूरी तरह हिन्दुस्तानी त्यौहार होगा। हम चाइना के प्रॉडक्ट का उपयोग नहीं करेंगे, चाइना के दीपक नहीं जलायेंगे, अपने हाथ से बने हुए दीपक इस बार हर घर में जलायेंगे, ऐसा कैट प्रयास करेगा। वेबिनार के प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक श्रीमती रितिका गुप्ता ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। कोषाध्यक्ष मनोज चौरसिाय ने उद्यमशीलता से आत्मनिर्भरता की ओर बढते हुए भारत के परिदृश्य की व्याख्या की और बताया कि इस समय हम परिस्थितियों को बदलकर नये अवसर तलाशें और घर में रहकर छोटे छोटे उत्पाद बनायें, कैट इसके लिए प्लेटफार्म देगा। देहरादून से कु. ख्याति गुप्ता ने बायोग्रेडिवल रक्षाबंधन मनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मिट्टी की राखी में तुलसी के बीज हैं, धागे भी न्यूज पेपर के बनाये हैं, ये इको फ्रेंडली है। इसकी पैकिंग भी कपडा और जूट में की गयी है। राखी के बाद तुलसी का पौधा हर घर में होगा।
कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने महिलाओं को विश्वास दिलाया कि हमें क्या फायदा होगा। हम अपने भारत का भी फायदा कर रहे हैं, शहर का भी फायदा कर रहे हैं और अपने परिवार का भी फायदा कर रहे हैं। हम आत्मनिर्भर बनेंगे, हमारा शहर आत्मनिर्भर बनेगा, देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कैट की ओर से विश्वास दिलाया की सभी बहनें इस क्षेत्र में आगे आयें। कैट उनकी मदद को तत्पर है। वेबिनार का संचालन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती कविता जैन ने किया एवं धन्यवाद प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती रीना गाँधी ने माना। इस अवसर पर श्रीमती बबीता डाबर, प्रियदर्शनी नागौरी, निरुपमा मालपानी, नितेश जैन, शिल्पी जैन, अनीता अग्रवाल, आसमा मोहन, प्रीति विजयवर्गीय आदि ने अपने विचार रखे।