Now Reading
कॉंग्रेस नेता बोले- वंदे भारत की तरह मजदूरों को घर पहुंचाने चलाएं विशेष अभियान

कॉंग्रेस नेता बोले- वंदे भारत की तरह मजदूरों को घर पहुंचाने चलाएं विशेष अभियान

20 लाख करोड़ रू. के आर्थिक पैकेज में से निश्चित राशि का प्रावधान कर आॅपरेशन ‘वंदे भारत‘ की तरह अप्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापिसी के लिए ऑपरेशन चलाए भारत सरकार- रामनिवास रावत, कार्यकारी अध्यक्ष
भोपाल । म.प्र. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री रामनिवास रावत ने अप्रवासी मजदूरों को सकुशल घर वापिसी के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र के माध्यम से सुझाव भेजकर मांग करते हुए कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इन अप्रवासी मजदूरों को सकुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था हो तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकेगा
रावत ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि
आज भारत सहित समूचा विश्व कोरोना वाइरस जनित बीमारी covid-19 से जूझ रहा है। इस बीमारी का सबसे दुःखद पहलू यह उभरकर सामने आया है कि भारत के विभिन्न प्रदेशों के गरीब नागरिक जो छोटा-मोटा काम धंधा/मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हुए अन्य प्रदेशों के महानगरों में अस्थायी रूप से रह थे । इस महामारी के कारण वहाँ पर रोजी रोटी छिन जाने से उनके समक्ष जीवन मरण का संकट उत्पन्न हो गया और ये लोग अपने गांव वापिसी की गुहार करने लगे । केन्द्र और प्रदेश सरकार के समन्वय से इन मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं किन्तु केन्द्र एवं राज्यों के नीतिगत विरोध एवं आपसी समन्वय में कमी के कारण मजदूरों के सकुशल घर वापिसी के प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं ।
इसे भी पढ़ें-
लम्बे खिंचते लॉकडाउन की हताशा एवं आशंका के कारण किसी भी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं । इस उम्मीद में कि और कुछ नहीं तो घर की छत के नीचे सकून तो मिलेगा ।  आवागमन के लिए सरकार का कोई साधन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण गर्भवती महिलाओं, अबोध बच्चों सहित ये मजदूर नंगे पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े। कई की रेल/सड़क दुर्घटनाओं में तथा हजारों मजदूरों की पैदल चलते चलते भूख प्यास के कारण दुःखद मृत्यु भी हो चुकी है । कुछ के पास थोड़ा बहुत जमा पूंजी, गहना, जेवर आदि बचे हैं उन्हें बेचकर 8-10 हजार रू. प्रति सवारी किराया अदा कर 1-1.5 लाख रू. तक में निजी साधान (बस,ट्रक) के माध्यम से अपने गांव आने को मजबूर हैं। कुछ मजदूर वीडियो वाइरल कर आत्महत्या करने तक की बात कर रहे हैं । अपनी घर वापिसी के लिए जेद्दोजहद करती यह तस्वीरें, वीडियोज मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाले हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकार कितने भी दावे करे किंतु प्रवासी मजदूरों को सकुशल उनके घर पहुंचाने में असफल सिद्ध हुई है ।
          केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न वर्गो को राहत पहुंचाने के लिए 20 लाख करोड़ रू. के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है । निसंदेह यह पैकेज विभिन्न वर्गों को राहत पहुंचायेगा किन्तु इसके परिणाम तत्काल मिलने वाले नहीं है । तात्कालिक आवश्यकता इस बात की है इन प्रवासी मजदूरों सहित भारत के गरीब नागरिकों को तात्कालिक रूप से नगद राशि प्राप्त हो ताकि वे इन विपरीत परिस्थितियों में अपना जीवन निर्वाह कर सकें । इन लोगों को सकुशल घर पहुंचाकर इनका जीवन सुरक्षित होगा तभी तो इन्हें पैकेज की अन्य घोषणाओं का लाभ मिल सकेगा । इन मजदूरों का जीवन सुरक्षित कर इनकी घर वापिसी के बिना आत्मनिर्भर भारत की कल्पना करना व्यर्थ है।
श्री रावत ने सुझाव देते हुए मांग की है कि
1.   मानवीय संवेदनाओं को जाग्रत करते हुए 20 लाख करोड़ रू राशि के राहत पैकेज में से एक बड़ी राशि का प्रावधान किए जावे एवं राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित कर केन्द्र सरकार ‘वंदे भारत’ की तरह ही कोई आपरेशन तत्काल चलाए तथा प्रवासी मजदूरों को इनके गंतव्य (घर) तक शासकीय व्यय पर पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वयं ले।
2.   इन अप्रवासी मजदूरों सहित भारत के गरीब नागरिकों को जीवन निर्वाह हेतु कम से कम रू. 15000.00 तत्काल उनके खातों में जमा किए जावें ।
3.   समस्त प्रदेश सरकारों को सख्त निर्देश दिए जावें कि आपस में समन्यव स्थापित किर परिवहन के समस्त साधनों का उपयोग कर प्राथमिकता से विभिन्न प्रदेशों में फंसे म.प्र. के शतप्रतिशत मजदूरों की सकुशल घर वापसी की व्यवस्था सुनश्चित करें । कोई भी मजदूर सड़क पर चलता दिखाई नहीं दें ।
       मानवीय संवेदनाओं से सारोबार इस परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हेतु भारत की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले, भारत का निर्माण करने वाले  इन अप्रवासी मजदूरों को सकुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था हेतु उपरोक्त सुझावों को संज्ञान में लेते हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करेंगे।
View Comments (0)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Scroll To Top