नरोत्तम का कद बढ़ा, सिंधिया की रियासत प्रतीक्षा सूची में
April 21, 2020

प्रसंगवश/
देव श्रीमाली
लंबे इंतजार और सियासत के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सेना सजा दी लेकिन फिलहाल कांग्रेस की सरकार गिराने में महती भूमिका निभाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूर्व रियासत के समर्थकों को फिलहाल शिवराज और भाजपा ने वेटिंग सूची में डाल दिया । अंचल से इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार गिराने वाले पूर्व सिंधिया रियासत के तीन में से एक भी सिंधिया समर्थक शिवराज की पहली केबिनेट में जगह नही बना पाए ।
जब सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने बगावत की थी तब कमलनाथ सरकार में छह सिंधिया समर्थक केबिनेट मन्त्री थे इनमे से उनकी पूर्व रियासत से तीन थे । प्रद्युम्न सिंह तोमर खाद्य,इमरती देवी सुमन महिला एवं बाल विकास और महेंद्र सिंह सिसोदिया श्रम मन्त्री थे । माना जा रहा था ये सब शिव की सेना के शामिल होंगे लेकिन ऐसा हुआ नही ।
भाजपा के कद्दावर नेता और पांच बार के विधायक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने संभाग से इकलौते मंत्री पद की शपथ लेकर सरकार और भाजपा में अपने रसूख को प्रकट कर दिया है ।
स्वतंत्र भारत में मप्र में संभवतः पहला मौका है जब प्रदेश सरकार मे ग्वालियर अंचल में सिंधिया परिवार का दबदबा न हो । कांग्रेस की कोई भी सरकार रही हो अंचल में सिंधिया का दबदबा न रहा हो। लेकिन आज के शपथ ग्रहण ने इन मिथक को मिटा दिया ।
सूत्र बताते है कि सिंधिया चाहते थे कि उनके सभी पुराने मंत्रियों को एक साथ शपथ दिलाई जाए लेकिन भाजपा छोटा मंत्रिमंडल बनाने पर अड़ी थी । अपनी बात मनवाने के लिए सिंधिया ने गृह मंत्री अमित शाह ,भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी बात की लेकिन बात बनी नही बल्कि भाजपा पहले दस को शपथ ल
दिलाना चाहती थी जो अब घटकर पांच कर दी जिसके चलते उंसके कई दिग्गज शपथ लेने से वंचित रह गए लेकिन उसने सिंधिया के चार लोगों और सिर्फ मन्त्री पद पाने के लिए कांग्रेस से इस्तीफा देने मुरेना के एंदल सिंह कंसाना को मंत्री की कुर्सी से दूर कर दिया । जब तक सिंधिया समर्थकों की वेटिंग क्लीयर नही होती तब तक उन्हें और समर्थकों को निराशा में रहना पड़ेगा ।