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नहीं बनी सिंधिया की बात ,एक दर्जन से ज्यादा को मंत्री नही बनाएंगे शिवराज

नहीं बनी सिंधिया की बात ,एक दर्जन से ज्यादा को मंत्री नही बनाएंगे शिवराज

भोपाल ।   शिवराज सरकार का मन्त्रिमण्डल कभी भी आकार ले सकता है । आज देर रात या कल सुबह मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है लेकिन कांग्रेस सरकार गिराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के नतीजे अच्छे निकलते नही जा रहे है । वे अपने सभी मन्त्रियो कोएक साथ शपथ दिलाना चाहते थे लेकिन  भाजपा और शिवराज दोनों कोरोना संकट के दौरान में जम्बो मन्त्रिमण्डल बनाने को राजी नही है । एक दर्जन से ज्यादा मन्त्रिन्ही बनाये जाएंगे।

शिवराज सिंह ने विगत 23 अप्रेल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी तब से वे कोरोना संकट होने के बावजूद अकेले कामकर रहे है । इसको लेकर वे लगातार विपक्षके निशाने पर हैं । कांग्रेस उन्हें सुपरमेंन कि रिप्लिका बता रही है । इधर पार्टी के अंदर भी दबाव है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को मंत्री बनाया जाए ।

सूत्रों की माने शिवराज तब भी 10 मंत्रियों के साथ शपथ लेने चाहते थे जिसमें तीन सिंधिया समर्थक और साथ भाजपा के हो सकते थे लेकिन सिंधिया अपने सभी समर्थक मंत्रियों कोएक साथ शपथ दिलाने की जिद पकड़े थे लिहाजा मामला अटक गया और शिवराज ने अकेले शपथ ले ली ।

कल सिंधिया ने गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से भेंट की । माना जा रहा है कि इसका मकसद प्रदेश सरकार का गठन ही था । सूत्रों की माने तो अमित शाह से सिंधिया ने उनके समर्थक मंत्रियों को एक साथ शपथ दिलाने का आग्रह दिया ताकि उप चुनाव में उनके लिए महौल बन सके । श्री शाह ने उनकी बात सुनी और संगठन में चर्चा करने को कहा ।

लेकिन अब जो खबर आ रही है उससे संकेत मिल रहे है कि सिंधिया की बात बनती नही दिख रही । भोपाल में  मन्त्रिमण्डल गठन की तैयारियां शुरू हो गई है लेकिन बमुश्किल दस या बारह मंत्री बनाने पर चर्चा हो रही है । सरकार ने एस्टेट गेरेज को 12 गाड़ियां तैयार रखने को कहा है । इससे साफ है कि इससे ज्यादा मंत्री नहीं बनेगे।

लेकिन सूत्रों का मानना है कि केवल दस मंत्री ही शपथ लेंगे । इनकी सूची दिल्ली भेज दी है । शिवराज सिंह और संगठन दोनों की राय है लॉक डाउन के बीच जनता परेशान है ऐसे में जम्बो मन्त्रिमण्डल बनाने का असर खराब पड़ेगा जिसका असर उप चुनावो पर पड़ सकता है । अभी सिर्फ स्वास्थ्य,कृषि,खाद्य,गृह,राजस्व, सामान्य प्रशासन जैसे विभाग को ही मंत्री दिए जाएं ।

भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा इसमे फिफ्टी फिफ्टी का फार्मूला अपनाना चाहती है । इसके अनुसार पांच मंत्री भाजपा के बने इनमे नरोत्तम मिश्रा ,गोपाल भार्गव,भूपेंद्र सिंह,राजेन्द्र शुक्ल और विश्वास सारंग का नाम है । प्रतीक्षा सूची में अरविंद भदौरिया कभी नाम है ।

इसके अलावा कांग्रेस सरकार गिराने वाले सिंधिया समर्थकों में से अभी तीन को मंत्री बनाने की बात हो रही है । नाम वे रहेंगे जिन्हें सिंधिया तय करेंगे । अभी सिंधिया के सात  समर्थक केबिनेट मंत्री थे जिनमें तुलसी सिलावट  प्रद्युम्न तोमर,इमरती देवी ,महेंद्र सिसोदिया,गोविंद राजपूत और प्रभु राम चौधरी शामिल थे । इनमे सिलावट का नाम पक्का है । बाकी दो नाम तय होना है । भाजपा सूत्रों के अनुसार बात नही बनी तो उनके चार मंत्री बनाया सकते है और यशोधरा राजे को लेकर असमंजस है ।

सूत्र बताते है कि दो और दलबदलुओं को मंत्री बनाना पड़ेगा । इनमे मुरैना के  ऐदल सिंह कंसाना और आदिवासी अंचल के बिसाहू लाल सिंह शामिल है । ये कमलनाथ द्वारा मंत्री बनाने से ही नाराज़ थे उन्हें इसी का आश्वासन भी दिया है ।

बहरहाल शपथ की तैयारी है । कभी भी शार्ट नोटिस पर शपथ हो सकती है  ।  संभावित लोग भोपाल की तरफ कूच कर गए है ।

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