जहीर कुरेशी स्मृति: आयोजन “समानान्तर धाराएँ हैं गजल और नवगीत”:गौतम
“समानान्तर धाराएँ हैं गजल और नवगीत”:गौतम
मुम्बई।”गजल और नवगीत समानान्तर धाराएँ हैं।दोनों के आपसी रिश्ते बहुत मजबूत हैं क्योंकि उनकी प्रव्रत्तियां व कथ्य भी मिलते हैं।बहुत से गजलकारों ने नवगीत और तमाम नवगीतकारों ने गजलें लिखीं हैं”।
यह विचार दिल्ली से आये प्रख्यात नवगीतकार प्रो राजेन्द्र गौतम ने मशहूर गजलकार जहीर कुरेशी की पहली पुण्यतिथि पर ‘कथा’ द्वारा आयोजित ‘रिश्ते गजल और नवगीत के विषय पर ‘जहीर कुरेशी स्मृति व्याख्यानमाला 1’ में व्यक्त किये।इसका आयोजन कथाकार,पत्रकार हरीश पाठक ने किया था।
इस मौके पर प्रख्यात व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा,” सामाजिक व राजनीतिक समीकरण जहीर कुरेशी की गजलों के प्राण हैं”।
कथाकार,पत्रकार हरीश पाठक ने कहा,”मेरी जिंदगी के अंधेरे कालखण्ड में जहीर कुरेशी और प्रदीप चौवे उस रोशनदान की तरह थे जिसने मुझे प्रकाश भी दिखाया और उम्मीद की राह भी।उनसे उऋण हो पाना मेरे लिए असम्भव है।”
संचालन कर रहे डॉ हुबनाथ पांडेय ने जहीर कुरेशी की तमाम गजलों का उदाहरण देते हुए कहा,”एक सकारात्मक सोच ही उनकी गजलों का मूल स्वर है।”
इस मौके पर प्रख्यात गायक सुधाकर स्नेह ने जहीर कुरेशी की कुछ गजलों व नवगीतों का पाठ किया।आभार दीनदयाल मुरारका ने व्यक्त किया।
खचाखच भरे सभागार में मुम्बई के गीत,संगीत,अभिनय और पत्रकारिता के दिग्गज उपस्थित थे जिनमें सुदर्शना द्विवेदी,दीप्ति मिश्र,अर्चना जौहरी, मालती जोशी,कमलेश पाठक,नीलिमा पांडेय,सुभाष काबरा, अनन्त श्रीमाली, आकाश चौवे,प्रताप संसारी,विभा रानी,अजय ब्रह्मात्मज,रवींद्र कात्यायन,असीमा भट्ट, अवनींद्र आशुतोष, जितेंद्र पात्रो,पूरन पंकज,रश्मि रविजा,प्रीतम कुमार सिंह त्यागी आदि मौजूद थे।