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भितरघात से चंबल में भाजपा के बहाने सिंधिया को ज्यादा नुकसान, बीएसपी ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला

भितरघात से चंबल में भाजपा के बहाने सिंधिया को ज्यादा नुकसान, बीएसपी ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में 28 सीटों के उपचुनाव में मालवा, बुंदेलखंड व महाकौशल की सीटों पर तो भाजपा अच्छा प्रदर्शन कर रही है। चंबल व ग्वालियर अंचल में भाजपा को नुकसान हो रहा है। यह नुकसान भाजपा को भितरघात व उनके बड़े नेताओं के पूरे मन से काम न करने की वजह से माना जा रहा है। खासतौर से चंबल की सात सीटों पर भाजपा को कम से कम 6 का नुकसान होता दिख रहा है। इनमें केंद्रीय मंत्री व प्रदेश के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के गृह क्षेत्र वाली सीटें भी शामिल हैं। जहां पर भाजपा प्रत्याशी पीछे चल रहे हैं।

भिंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है। भाजपा को झटका लगने के पीछे पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं व भाजपा के बड़े नेताओं का भितरघात होना बताया जा रहा है। अंबाह व दिमनी सीट केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाली सीट हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का गृह नगर है।

इन दोनों सीटों के अलावा मुरैना सीट पर पिछड़ने का कारण सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के लिए भाजपा के जमीन कार्यकर्ताओं के बाहर निकलने को ही माना जा रहा है। जौरा में ऐसी स्थिति नहीं थी यहां कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं यहां भाजपा से नरेंद्र सिंह समर्थक जौरा प्रत्याशी सूबेदार सिंह अपने प्रतिद्वंदी से आगे हैं। इससे अंदरखाने की तस्वीर को अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जबकि सूबेदार सिंह पिछला चुनाव 18 हजार से हारे थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया इस बार चुनाव में बाहर नहीं निकले। जबकि उनका प्रभाव ग्वालियर चंबल अंचल में है। जयभान सिंह को महल का विरोधी माना जाता रहा है और वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। भाजपा ने मतदान से ठीक पहले सुमावली के पूर्व विध्ाायक सत्यपाल सिंह सिकरवार को पार्टी से निकाल दिया और उनके पिता पूर्व विध्ाायक गजराज सिंह को भी नोटिस थमा दिया। इससे साफ है कि पार्टी के अंदर खासतौर से चंबल व ग्वालियर में कुछ ज्यादा ठीक नहीं चल रहा था।

बसपा ने खेल बिगाड़ दिया

मध्‍य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के उप चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने ग्वालियर चंबल की दो सीटों पर भाजपा का खेल बिगाड़ रखा है यहां दो सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है। पोहरी सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कैलाश कुशवाह ने मंत्री सुरेश राठखेड़ा को शुरुआती राउंड में पीछे कर दिया है। यह सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली सीट थी। इसके अलावा मुरैना में रामप्रकाश राजौरिया ने 48 फीसद वोट लेकर बढ़त बना रहे हैं। यह सीट केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रभाव क्षेत्र में आती है। मुरैना सीट पर भाजपा व कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। आम सभा के साथ-साथ रोड शो भी किए थे। भाजपा के कद्दावर नेताओं ने इस सीट पर काफी सभाएं की थी। इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह कंषाना बड़े अंतर से पिछड़ रहे हैं। कांग्रेस ने पूरी ताकत दिखाई थी।, लेकिन बीएसपी ने इस सीट पर अपना दम दिखाया है। शुरुवाती रुझान इस सीट पर चिंता में डाल रहे हैं। भांडेर सीट पर बीएसपी के महेन्द्र बौद्ध से अच्छी उम्मीद थी, लेकिन तीसरे राउंड तक महेन्द्र बौद्ध ज्यादा दम नहीं दिखा सके हैं। इन्हें तीसरे राउंड तक 97 वोट ही मिल सके। कांग्रेस से नाराज होकर महेन्द्र बौद्ध ने बसपा से टिकट लेकर चुनाव लड़े थे। यहां से फूल सिंह बरैया आगे चल रहे हैं।

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