मगरमच्छ ने निगला किसान, मुआवजा को लेकर फंसा पेंच

भिण्ड, 22 अक्टूबर। 25 सितम्बर को दोपहर के समय अपने खेतों पर बकरियों को पानी पिलाते समय किसान हीरालाल यादव को चम्बल नदी में से उछलकर निकले मगरमच्छ ने अपने जबड़े में दबोचा और पलक झपकते ही नदी में ले गया। मौके पर मौजूद किसान रामबरन सिंह यादव और राम विलास यादव असहाय और हक्केबक्के रह गए, क्योंकि नदी में पानी, बहाव और गहराई बहुत अधिक होने से धंसना संभव नही था। पुलिस ने तथा वनकर्मियों ने दो दिन सर्च ऑपरेशन चलाया फिर बॉडी न मिलने पर बंद कर दिया।
वन्यक्षेत्र में दुर्घटनाएं होना और क्षतिपूर्ति की कार्यवाही रूटीन कार्य है। इंडिया शाम तक ब्यूरो को सूचना मिली कि इस प्रकरण में मुआवजा की कार्यवाही नहीं की जा रही है क्योंकि मृतक की देह न मिलने से पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं होने से मध्यप्रदेश वन नियमों के तहत मुआबजे की कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
इंडिया शाम तक टीम ने मौके पर पहुंच कर तथा गवाहों से एवम परिवार से सभी पहलुओं पर चर्चा की तो पता चला कि डायल100 पर कॉल रिसीव न होने पर डायल 181 पर सूचना देकर परिजन शोकग्रस्त होकर वैठे है जबकि शासन के स्तर पर कार्यवाही शून्य पर अटकी हुई है।
टीम इंडिया शाम तक ने थाना प्रभारी फूफ रविंद्र सिंह तोमर से बात की तो उन्होंने इसे राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारणय का मामला बताकर और वनविभाग को सूचित कर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर ली।
वनविभाग के रेंज फील्ड ऑफिसर एसएस सिकरवार से बात की तो उन्होंने पोस्मार्टम रिपोर्ट के बिना कोई भी कार्यवाही कर पाने में असमर्थता जाहिर की।
इंडिया शाम तक ने इस प्रकरण को कंजर्वेशन कंसोर्टियम इंडिया के समक्ष रखा तब उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रकरण सुंदरवन टाईगर रिजर्व में भी हो जाते है इसलिए वहाँ की पॉलिसी के आधार पर मुआवजे की कार्यवाही की जानी चाहिए। तब पुनः टीम इंडिया शाम तक ने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रकरण को संज्ञान में लाया गया। जिसपर कारवाही करने की बात की गई।
इनका कहना है
प्रकरण मेरे संज्ञान में आ गया है, इनपर त्वरित गति से मर्ग कायम कर विधिपूर्वक कार्यवाही की जाएगी।
*मनोज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक*
यह अच्छा सुझाव है कि सुंदरवन टाइगर रिजर्व की नीतियों को फॉलो कर मुआवजे की कार्यवाही की जा सकती है। में इस दिशा में कार्यवाही करवाता हूँ।
*बी एस अन्नीगिरी, अपर प्रधान वन संरक्षक*
भिण्ड से टीम इंडिया शाम तक कि रिपोर्ट