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कमलनाथ का सिंधिया पर हमला – कहा  इंदौर, भोपाल और जबलपुर से भी पिछड़ गया ग्वालियर

कमलनाथ का सिंधिया पर हमला – कहा  इंदौर, भोपाल और जबलपुर से भी पिछड़ गया ग्वालियर

बोले- सिंधिया को काम करने की थी पूरी आजादी मैने कभी ग्वालियर में दखल नहीं दिया
ग्वालियर/
ग्वालियर में पूर्व सीएम कमलनाथ का सिंधिया पर बड़ा । किसी ने ग्वालियर की राजनीति में सिंधिया को दखल नही दिया लेकिन उन्होंने कोई काम नही किया और पचास साल में ग्वालियर न केवल इंदौर भोपाल बल्कि अब तो जबलपुर से भी पिछड़ गया । ये बात अब जनता की समझ आ गई है ।पत्रकार वार्ता में पूर्व प्रदेश अध्यख अरूण यादव, कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह , विधायक प्रवीण पाठक, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, डाॅ विजय लक्ष्मी साधौ सहित तमाम कंाग्रेस नेतागण मौजूद रहे।
श्री नाथ केंद्र सरकार द्वारा लाये गए मंडी विल का जोरदार विरोध करते हुए इसे छोटे कास्तकरो के हितों पर कुठारघात बताया उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वे दो सौ किलोमीटर दूर अपनी फसल बेचने कैसे जाएंगे? सरकार वर्षो से बनी व्यवस्था किसको लाभ देने के लिए बदल रही है
गौरतलब है कि कमलनाथ उप चुनाव के।मद्देनजर दो दिन के ग्वालियर दौरे पर है । कल उनका प्रभावी रोड शो हुआ था और उसके बाद से वे अंचल भर के नेताओ और कार्यकर्ताओ के साथ मैराथन बैठके कर रहे है । इन अंचल में।16 उप चुनाव होना है और सिंधिया से मुकाबला भी ।
कृषि अध्यादेश पर बोले कमलनाथ, ‘यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा’
 केंद्र सरकार ने लोकसाभा में कृषि एवं किसानों से संबंधित तीन विधेयक पेश किए हैं. जिसका विरोध भी हो रहा है. केंद्र सरकार का कहना है कि ये विधेयक किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य दिलाना सुनिश्चित करेंगे. हालांकि कांग्रेस इन विधेयकों का जमकर विरोध कर रही है. वहीं दो दिवसीय ग्वालियर दौरे पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इन विधेयकों का विरोध किया.पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा यह अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है. उनका कहना है कि आज केंद्र और राज्य दोनों सरकारें केवल व्यापारियों का फायदा देख रही है. उन्हें किसानों से कोई मतलब नहीं है. कमलनाथ का कहना है केंद्र सरकार के इस फैसले से कृषि क्षेत्र के साथ एक बहुत बड़ा धोखा होगा, खासकर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ जो कि कृषि पर ही निर्भर हैं. हम इसका कट्टर विरोध करते हैं
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