सिंधिया के सवालों का जबाव देने कमलनाथ उनके गढ़ ग्वालियर पहुंचे,भाजपा ने भी खोला प्रश्नों का पिटारा

-राजनीतिक संवाददाता-
ग्वालियर । कई बार के स्थगन और रद्दोबदल के बाद आखिरकार अपनी सत्ता गंवा चुके पूर्व मुख्यमंत्री अंततोगत्वा आज ज्योतिरादित्य सिंधिया मांद में ही चुनौती देने पहुंचे गए ।
श्री नाथ के सत्ता में पहुंचने का रास्ता इसी इलाले से होकर भोपाल पहुंचा था । 2019 के ज्यादातर विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी और मप्र से भाजपा की शिवराज सरकार चली गयी थी । कमलनाथ सीएम बन गए । लेकिन पार्टी के अंदर कमलनाथ की चुनौतियां बढ़ती रही । आखिरकार सिंधिया अपने समर्थकों के साथ भाजपा से मिल गए । उनके समर्थक विधायको ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया । कुछ और कांग्रेस विधायकों से भाजपा ने इस्तीफा दिलाकर सरकार को अल्पमत में ला दिया । कमलनाथ ने सदन में बहुमत साबित करने की जगह त्यागपत्र देने का निर्णय लिया । शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सीएम बन गए । सिंधिया समर्थक पुराने मंत्री तो बने ही भाजपा में अपनी ताकत बताने के लिए उन्होंने ओपीएस भदौरिया,गिर्राज दंडोतिया,सुरेश राठखेडा को भी राज्यमंत्री बनवा दिया।
सिंधिया लगातार कर रहे है हमले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस इलाके में सिंधिया और नरेंद्र तोमर के साथ तीन दिन का साझा केम्प ग्वालियर में कर चुके है जिसमे काफी आयोजन भी हुए। इनके बाद भी सिंधिया एक चक्कर यहां लगा चुके है जिसमे वे भाजपा दफ्तर में भी जा चुके है । वे हर दौरे में कमलनाथ पर सीधा हमला साधते है । सबसे बड़ा सवाल पूछते है कि 15 माह की सरकार में उन्होंने ग्वालियर आने के लिए 15 मिनिट का समय क्यों नही निकाल पाए । सीएम शिवराज से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मंच से कई सवाल पूछ चुके है तो भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर प्रेस रिलीज के जरिये उन पर प्रश्न उछलते रहे है।
अब देने होंगे जवाब
अब कमलनाथ पहली बार ग्वालियर पहुंच रहे है तो उन्हें अपने ऊपर लगाए जा रहे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे। उनके सामने टिकिट वितरण में उपजा विद्रोह शांत करना ,नेताओ के बीच एकता स्थापित कराना और कार्यकर्ताओं में हौसला भरना जैसे बड़े काम करना होंगे क्योंकि सिंधिया जैसे सियासी बट बृक्ष के भाजपा में जाने के बाद कि परिस्थिति में ये करना ही पार्टी को जीत की तरफ ले जा सकेगी