ग्वालियर की नन्ही डॉल ने दी नृत्य की शानदार प्रस्तुति

कोलकत्ता के रंगश्री आर्ट एंड कल्चर के अंतरराष्ट्रीय कल्चरल ऑन लाइन लाइव कॉन्सर्ट में ग्वालियर की 10 वर्षीय कथक कलाकार डॉल जयेश कुमार ने प्रस्तुति दी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिजिटल प्लेटफार्म न कथक नृत्यांगना डॉल जयेश कुमार ने
शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को प्रणाम कर अपनी प्रस्तुति उनको समर्पित की। डॉल जयेश कुमार ने live की शुरुआत लखनऊ घराने की पारंपरिक शिवस्तुति से की ओर नटराज की चरणों मे नमन किया….इसके बाद गुरु डॉ तरुणा सिंह को चरवन्दन कर माता पिता का आशीर्वाद लेकर लखनऊ घराने के तोड़े 20 चक्कर के साथ बंदिशें ओर टुकड़े प्रस्तुत किये।इस बीच डॉल ने देख के पररम्परिक नृत्य शैली को हर बच्चे को सीखने की अपील उनके माता पिता से की डॉल चाहती है भारत के पारम्परिक नृत्य विश्व के हर कोने में पहुचे।डॉल ने अपनो कथक नृत्य का समापन ठुमरी “मेरी गागरिया काहे को फोड़ी रे श्याम…”की प्रस्तुति के साथ किया।10 साल की कथक नृत्यांगना डॉल ने मात्र 8 साल की उम्र में राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्व विद्यालय के राज्य स्तरीय युवा उत्सव-2018 की विजेता रह चुकी है…ओर डॉल विश्व मे सबसे कम उम्र की लाइव कथक परफार्मर भी है जो 1 से डेढ़ घण्टे मंच पर लाइव प्रस्तुति देती है।डॉल 510 स्टेज शो,110 क्लासिकल सोलो की विजेता के साथ ही 93 अवार्ड ले चुकी है।लखनऊ घराने की दीक्षा गुरु शिष्य परम्परा से कथक गुरु डॉ तरुणा सिंह से ले रही है वहो शासकीय माधव संगीत और कला महाविद्यालय के प्रवेशिका अंतिम वर्ष की छात्रा है।।