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ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे शिक्षक सीएम से मिलने की जिद पर अड़े; पुलिस ने रोका, धरने पर बैठे

ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे शिक्षक सीएम से मिलने की जिद पर अड़े; पुलिस ने रोका, धरने पर बैठे

मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से शिक्षक बने एक साल हो गए, लेकिन उन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिली है। ज्वाइनिंग तारीख तय करने की मांग को लेकर शिक्षक बेरोजगार सीएम हाउस जाकर सीएम से मिलने की मांग पर अड़े रहे। लेकिन पुलिस ने उन्हें पॉलिटेक्निक चौराहे पर ही रोक दिया, जहां पर वह धरने पर बैठ गए। पुलिस ने पांच लोगों को ज्ञापन देने के लिए जाने की अनुमति दी। शिक्षक ज्ञापन लेकर गए और उनके जरूरी ज्ञापन को इस आश्वासन के साथ रख लिया गया कि उन्हें जल्द ही ज्वाइनिंग की तारीख बताई जाएगी।

शिक्षकों की एक ही मांग है कि हमें आश्वासन न दिया जाए, केवल ज्वाइनिंग की तय तारीख बता दी जाए, जिससे वह अपना आंदोलन स्थगित कर घर में इंतजार करें। शिक्षकों ने कहा कि अगर हमें ज्वाइनिंग की तारीख नहीं बताई गई तो अब हम उपचुनाव का विरोध करेंगे और आंदोलन उग्र होता जाएगा। शिक्षकों का एक दल स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से भी मिलने गए हैं।

मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी हुए एक साल पूरा हो रहा है, इसके बाद भी अब तक किसी भी अभ्यर्थी को ज्वाइनिंग नहीं दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के तहत 30,594 से अधिक शिक्षकों की ज्वाइनिंग होनी है। कुछ कई चयनित उम्मीदवारों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी थी। उनका यही कहना है कि एक साल से इंतजार कर रहे हैं और इसके पहले एक साल परीक्षा और रिजल्ट में व्यस्त रहे। इस तरह से दो साल गुजर गए।

सीएम हाउस गए थे, उन्होंने ज्ञापन लेकर रख लिया
शिक्षकों का कहना है कि हमारी जिंदगी में दो साल काफी अहम हैं, हम ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई पक्का जवाब नहीं दिया जा रहा है। हम सीएम हाउस गए थे, उन्होंने हमारा ज्ञापन रख लिया है और आश्वासन दिया है कि वह हमें ज्वाइनिंग देंगे, लेकिन ऐसे ज्ञापन हम कई मंत्रियों और अफसरों को दे चुके हैं। हमारी केवल एक ही मांग है कि हमारी नियुक्ति कब होगी, हमें नियत समय बता दें और हम इंतजार करने के लिए घर में बैठ जाएंगे। अब अगर नहीं सुना गया तो फिर से आंदोलन करेंगे। साथ ही हम उपचुनाव का पूरी तरह से विरोध करेंगे। एक साल हम

15 हजार पदों के लिए एक जुलाई को शुरू हुई थी प्रक्रिया
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के 15 हजार पदों के लिए 1 जुलाई से सत्यापन प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन परिवहन की समस्या बताकर इस प्रक्रिया को तीन दिन बाद ही रोक दिया गया। आदिम जाति कल्याण विभाग ने भी उच्च माध्यमिक शिक्षक 2220 पूरा शेड्यूल जारी कर दिया था। लेकिन यह प्रक्रिया भी रोक दी गई। इसके चलते उम्मीदवारों ने प्रदेशभर के जिला कलेक्टर कार्यालय में जाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने अभियान चला रखा है।

सोशल मीडिया पर चला रहे हैं कैंपेन
सोशल मीडिया पर #GiveMPTETjoiningOrAllowToDie हैशटैग के साथ लाखों ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी मांग पहुंचाई। कोरोना संक्रमण के प्रोटोकॉल का पालन कर उनसे मिलने की कोशिश भी की गई। लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही है। शिक्षक भर्ती के लिए चयनित हो चुके एक उम्मीदवार आनंद मिश्रा ने बताया सितंबर 2018 में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। परीक्षा समय पर नहीं हुई तो उम्मीदवारों ने धरना प्रदर्शन किए। इसके बाद करीब 6 महीने बाद फरवरी-मार्च 2019 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने पात्रता परीक्षा कराई। इसके बाद इसके बाद लोकसभा चुनाव का बहाना बनाकर 6 महीने तक रिजल्ट अटकाकर रखा।

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