कलेक्ट्रेट से बगैर बैठक के लौटी मंत्री बीमार इमरती देवी

ग्वालियर । ग्वालियर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है । उप चुनाव के मद्देनजर हो रही मैराथन सियासी बैठकों के चले अब नेता भी इसकी चपेट में आने लगे है । आज महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी सुमन कलेक्ट्रेट में एक बैठक में भाग लेने पहुंची लेकिन तबियत बिगड़ने के चलते वे बैठक छोड़कर वापिस लौट गई । उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है ।
सूत्रों के अनुसार उन्हें दो दिन से गले मे दिक्कत हो रही थी लेकिन वे लगातार शासकीय कार्यक्रमो में हिस्से दारी करने के साथ बैठकें भी कर रही थी । दो दिन से उन्हें गले मे खरास हुई लेकिन आज वह काफी बढ़ गई । वे बैठक में भाग लेने कलेक्ट्रेट तक गई भी लेकिन शरीर मे दर्द के चलते वे बैठक छोड़कर अपने बंगले चली गई ।
खबर मिलने पर मीडियाकर्मी उनके बंगले पर पहुंचे लेकिन बताया गया कि उनके गले मे बहुत दर्द है और वे बोल पाने की स्थिति में नही है । हालांकि अभी उन्हें कोरोना की पुष्टि नही हुई है जो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन प्राथमिक लक्षण कोरोना के ही है नतीजतन उन्होंने स्वयं को आइसोलेट कर लिया है ।
बैठक को लेकर असमंजस
उप चुनाव के मद्देनजर इस समय संभाग भर में मैराथन बैठके चल रहीं है । दो दिन से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर मुरैना जिले में विधानसभा वार बैठकें कर रहे है । सोमवार शाम उन्हें ग्वालियर आकर इमरती देवी के विधानसभा क्षेत्र डबरा की कार्यकर्ता बैठक करनी है । इसमें इमरती देवी को खासतौर पर रहना है लेकिन बीमारी के बाद साफ नही हो सका है कि अब बैठक होगी या नही ?
कांग्रेस छोड़कर आई है इमरती
इमरती देवी डबरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार विधायक है । वे कांग्रेस की अपराजेय विधायक मानी जाती थी । कांग्रेस ने उन्हें भिंड संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का टिकिट भी दिया था लेकिन वे हर गई थी । प्रदेश में पन्द्रह साल कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में उन्हें पहली बार मे ही केबिनेट मंत्री बनाया गया और महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया लेकिन मार्च में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को समर्थन करते हुए विधायक पड़ से त्यागपत्र दे दिया और कमलनाथ सरकार गिराने में मदद की । भाजपा ने शिवराज सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में उन्हें फिर महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया लेकिन उन्हें अभी उप चुनाव का सामना करते हुए जीतना है तभी उनका मंत्री पद कायम रहा सकेगा । अब वे भाजपा के टिकिट पर डबरा आरक्षित सीट से फिर मैदान में होंगीं।