अब संकट में राजस्थान सरकार,पायलट के साथ गए कई विधायक
July 12, 2020

नई दिल्ली।
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। शनिवार को सीएम गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए हमला बोला था जबकि बीजेपी का कहना था कि यह सारा मामला कांग्रेस के अपने भीतर का है। शनिवार को राजस्थान का सियासी घटनाक्रम जिस तेजी से बदलता दिखाई दिया, उससे वहां मध्य प्रदेश का घटनाक्रम दोहराता दिख रहा है। देर रात सीएम द्वारा बुलाई गई केबिनेट की बैठक में न तो पायलट पहुंचे न ही उनके समर्थक विधायक और मन्त्री।
सीएम-डिप्टी सीएम में बढ़ी दूरियां
राजस्थान में सीएम गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान की चर्चा काफी समय से तेज है। इन चर्चाओं को बल तब मिला, जब शुक्रवार से पायलट दिल्ली में है। इतना ही नहीं, शनिवार की रात हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के 24 विधायक एक बड़े होटल में पहुंचे। यह कुछ वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तमाम विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसोर्ट में ठहरे थे।
बीजेपी के संपर्क में हैं पायलट?
रोचक है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यंग ब्रिगेड के अहम सदस्य रहे पायलट और सिंधिया दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं। तमाम चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी है कि पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की ओर से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो राजस्थान के कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ मिले। पता चला है कि कांग्रेस महासचिव एवं राज्य के प्रभारी अविनाश पांडे भी शनिवार को जयपुर पहुंचे।
रोचक है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यंग ब्रिगेड के अहम सदस्य रहे पायलट और सिंधिया दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं। तमाम चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी है कि पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की ओर से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो राजस्थान के कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ मिले। पता चला है कि कांग्रेस महासचिव एवं राज्य के प्रभारी अविनाश पांडे भी शनिवार को जयपुर पहुंचे।
गहलोत की मीटिंग से पायलट और समर्थक मंत्री नदारद
तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने देर रात अपने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई जिसमें पायलट और उनके तमाम समर्थक मंत्री शामिल नहीं हुए। कहा जा रहा है कि दिल्ली में होने के चलते वह उस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पार्टी द्वारा उन्हें सीएम न बनाए जाने पर पहले से ही नाराजगी चल रही है।
तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने देर रात अपने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई जिसमें पायलट और उनके तमाम समर्थक मंत्री शामिल नहीं हुए। कहा जा रहा है कि दिल्ली में होने के चलते वह उस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पार्टी द्वारा उन्हें सीएम न बनाए जाने पर पहले से ही नाराजगी चल रही है।