750 मेगावाट की सौर परियोजना का शुभारंभ, PM मोदी ने राष्ट्र को किया समर्पित

भोपाल ।विश्व की बड़ी सौर परियोजना में शामिल रीवा की अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 750 मेगावाट की इस परियोजना से 76 फीसद बिजली मध्य प्रदेश और 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को मिलेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम में प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा भी की। 22 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री ने परियोजना का शिलान्यास किया था। रिकॉर्ड ढाई साल में यह योजना पूरी हो गई और जनवरी से बिजली उत्पादन शुरू हो गया। लगभग चार हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए विश्व बैंक ने कर्ज बिना शासन की गारंटी क्लीन टेक्नोलॉजी फंड के अंतर्गत सस्ती दरों पर दिया है।
यह परियोजना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे प्रति यूनिट की दो रुपये 97 पैसे के हिसाब से मिलेगी, जो न्यूनतम है। परियोजना से प्रतिवर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उर्त्सजन को रोका जा रहा है, जो दो करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है।
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह भी हिस्सा लेंगे। वहीं, क्षेत्रीय सांसद, विधायक कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहे।
इस दौरान एक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है. इसके लिए मैं रीवा के लोगों को, मध्य प्रदेश के लोगों को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं. रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा.’
पीएम ने कहा कि ‘इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा. इसके अलावा रीवा की ही तरह शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है. ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का HUB बन जाएगा. इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों को होगा, किसानों को होगा, आदिवासियों को होगा.’