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विकास दुबे ने प्रिंसिपल को मौत के घाट उतारकर उनके खून से अपने हाथों को रंगा था

विकास दुबे ने प्रिंसिपल को मौत के घाट उतारकर उनके खून से अपने हाथों को रंगा था

नई दिल्ली (ईएमएस)। 28 सालों में कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे ने क्रूरता की मिसालें खड़ी की है। जिसमें उसका खौफनाक चेहरा सामने आता है। स्कूल के दिनों में ही विकास ने अपने प्रिंसिपल को तड़पा-तड़पाकर मौत के घाट उतारा था और उनके खून से अपने हाथों को रंगा था। विकास जिस स्कूल में पड़ता था, उसी के बुजुर्ग प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय की वीभत्स हत्या की। प्रिंसिपल के बेटे राजेंद्र ने बताया कि प्रिंसिपल ने बचने की खूब दुहाई दी, लेकिन विकास ने एक नहीं सुनी। हत्या के बाद उसने अपने प्रिंसिपल का खून अपने हाथों में मला था। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी गुरुवार को कहा कि विकास दुबे बचपन से ही अपराधी प्रवृत्ति का शख्स था।
बता दें कि कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। विकास ने महाकालेश्वर मंदिर के दर्शनकर खुद ही सरेंडर कर दिया। विकास दुबे ने 2 जुलाई की रात कानपुर में अपने साथियों के साथ 8 पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया था जिसमें एक सीओ भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि विकास ने बाकायदा स्थानीय मीडिया को अपने सरेंडर की खबर दी थी। इसके बाद उज्जैन के महाकाल थाने के पास उसने स्थानीय पुलिस के सामने सरेंडर किया है। पुलिस ने आरोपी विकास दुबे को गिरफ्तार कर महाकाल थाने में लेकर आई है। सरेंडर की खबर के बाद यूपी एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है।

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