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मन्त्रिमण्डल: विभागों के बंटबारे पर तनातनी,अभी बिना विभाग के ही रहेंगे मन्त्री

मन्त्रिमण्डल: विभागों के बंटबारे पर तनातनी,अभी बिना विभाग के ही रहेंगे मन्त्री

 

दिल्ली/भोपाल । भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही किच- किच शांत ही नही हो पा रही । सिंधिया द्वारा अपने समर्थकों को मनमाफिक विभाग दिलाने और भाजपा द्वारा संतुलन बनाने की कोशिशें अभी तक नाकाम है । भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा कई बार की माथापच्ची करने के बावजूद कोई रास्ता न निकलने के कारण फिलहाल मंत्रियो को विभाग देना टाल दिया गया है । कल मुख्यमंत्री ने कहा था मंगलवार को बंटवारा कर देंगे लेकिन आज वे निराश भोपाल लौट आये । उंन्होने संकेत दिए  कि फिलहाल विभाग नही बंटेंगे।
भाजपा ने कांग्रेस के विधायक तोड़कर शिवराज सिंह के नेतृत्व में फिर से भाजपा ने एमपी में सरकार में वापिसी तो कर ली लेकिन उठापटक कम नही हो रही । शुरू में हुए घमासान के कारण शिवराज सिंह पहले चरण में सिर्फ छह  मन्त्री बना पाए इनमे दो ज्योतिरादित्य सिंधिया के थे । लंबी खींचतान के बाद विगत दिनों गठित हुए मन्त्रिमण्डल में सिंधिया हाबी रहे । उंन्होने कुल कमलनाथ सरकार वाले छह मन्त्री तो बनवाये ही साथ भिण्ड,मुरैना, शिवपुरी और अशोकनगर जिलों से बजी अपने एक- एक समर्थक को मंत्री बनाकर अपनी ताकत और भाजपा को आइना दिखाया । मन्त्रिमण्डल के गठन से पहले शिवराज सिंह ने कहा था मंथन से सदैव अमृत निकलता है और बिष शिव को पीना पड़ता है । इससे उनकी पीड़ा का इज़हार साफ नजर आ रहा था । इसकी प्रतिक्रिया में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था और यह विष उन्हें अब बार – बार पीना पड़ेगा ।
       लगता है कमलनाथ की टिप्पणी चरितार्थ होती दिख रही है । वे और पूरी पार्टी लंबी मशक्कत के बावजूद अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नही कर पा रहे हैं । भाजपा सूत्रों की माने तो श्री सिंधिया सारे महत्वपूर्ण विभाग अपने समर्थकों को चाहते है । वे राजस्व,नगरीय प्रशासन,जीएडी,जन सम्पर्क ,आबकारी,परिवहन,पीडब्ल्यूडी,कृषि और स्वास्थ्य ,सहकारिताजैसे महकमे चाहते है । साथ ही अपने सभी समर्थक राज्यमंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार चाहते है ।
भाजपा पहले से ही अपने वरिष्ठ विधायको की नाराजगी का दंश झेल रही है । एक दर्जन सीनियर विधायक मन्त्री पद न मिलने से नाराज है । अजय विश्नोई तो रोज प्रतिक्रिया भी दे रहै हैं । इन्हें मनाना पड़ेगा ऊपर से सिंधिया से इतर जो लोग कांग्रेस छोड़कर आये है जिनमे से एदल सिंह कंसाना,बिसाहू लाल सिंह और हरदीप डंग को भाजपा ने अच्छे विभकाग देने का वायदा किया था । वादे के बावजूद गोहद के विधायक रणवीर जाटव को मन्त्रिमण्डल में जगह नहीं मिल सकी ।
सिंधिया समर्थकों के बड़ी संख्या में मन्त्री बनने से जहां स्थानीय बड़े भाजपा नेताओं के चेहरे पहले से ही उतरे हुए थे लेकिन अब सीएम और प्रदेश भाजपा के नेता भी परेशान है । शिवराज सिंह कल भोपाल से दिल्ली गए । सभी बड़े नेताओं से मिले और अपना दर्द बताया । शाम तक लगा बात बन सकती है । उंन्होने मंगलवार को विभाग बांटने की घोषणा भी कर दी । उनका भोपाल लौटने का कार्यक्रम भी तीन बार बदला और फाइनली रद्द हो गया । उंन्होने मंगलवार को सुबह गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा । रात को उंन्होने केंद्रीय मन्त्री नरेंद्र तोमर से लंबी मंतना की । आज सुबह अमित शाह के यहां मिलने का समय नही मिला तो निराश मुख्यमंत्री भोपाल लौट आये । उंन्होने कहाकि विभागों के वितरण में अभी कुछ दिन और लगेगा । इस पर एक दो दिन और होमवर्क करेंगे फिर मंत्रियो को विभाग सौंपेंगे।
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