शातिर ठग कोरोना के इलाज और प्रधानमंत्री लोन के नाम पर लोगों को ठग रहे थे

भोपाल.मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में ठगों (thug) का एक ऐसा गैंग पकड़ा गया है जो प्रधानमंत्री और कोविड-19 के इलाज के नाम पर लोगों को ठग रहा था. ये इंटरस्टेट गैंग है. भोपाल साइबर क्राइम (cyber crime) ब्रांच ने गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये गैंग इतना शातिर है कि एक साल में करीब 700 लोगों को ठग चुका है.
सायबर क्राइम से भोपाल 7वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल में पदस्थ कवर सेन नेहरा ने शिकायत की थी कि उनके साथ लोन के नाम पर 1,81,808 रुपए की धोखाधडी हुई है. इस शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया. गैंग के सदस्यों ने समाचार पत्र में आसान किश्तों पर लोन और कम परसेंट पर ब्याज देने का विज्ञापन दिया था. विज्ञापन पर दिए नंबर पर नेहरा ने बातचीत की. आरोपियों ने 15 लाख का लोन दिलाने के लिए, लोन की प्रोसेसिंग फीस, लोन के लिए बीमा आदि के बहाने नेहरा से 1,81,808 रूपए अपने दो फर्जी बैंक खातों में डलवा लिए. जब नेहरा को आरोपियों पर शक हुआ तो उन्होंने शिकायत की.
इंटर स्टेट बैंक के सदस्य समाचार पत्रों, व्हाट्सएप के माध्यम से सस्ता और आसान किश्तों पर लोन के लिए विज्ञापन, मैसेज करते हैं. विज्ञापनों में आरोपियों का मोबाइल नंबर भी रहता है. जब इन नंबर पर लोन लेने की बात की जाती है तो आरोपी, सस्ता लोन दिलवाने की प्रोसेसिंग, बीमा आदि के लिये पैसा अपने अकाउंट में ट्रॉसफर करने के लिए कहते हैं. पैसे अकाउंट में आने के बाद आरोपी एटीएम से उस राशि को निकाल कर रफूचक्कर हो जाते हैं.
प्रधानमंत्री लोन के नाम पर भी ठगी
प्रदेश भर में सक्रिय इस गैंग ने प्रधानमंत्री लोन के अलावा कोविड-19 के इलाज के मैसेज भी लोगों को भेजे थे. उन्होंने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है.वर्तमान में आरोपी समाचार पत्रों पर विज्ञापन न देकर मोबाइल पर मैसेज कर प्रधानमंत्री लोन और कोविड-19 इलाज के लिए लोन का झांसा दे रहे थे. आरोपियों से जब्त रिकॉर्ड के अनुसार विगत एक साल में विभिन्न राज्यों के 661 लोगों को ये ठग चुके हैं. आरोपियों से लैपटॉप, पेनड्राइव, 16 मोबाइल फोन, 8 रजिस्टर(लेन-देन विवरण), 36 पॉकेट डायरी और कुछ फर्ज़ी दस्तावेज(पेन कार्ड, आधार कार्ड) आदि जब्त किये गये हैं.